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युद्ध की स्थिति में हम जो बात कहते हैं, उसका असर सैनिकों के मनोबल पर पड़ता है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 67वीं बार मन की बात को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत...
युद्ध की स्थिति में हम जो बात कहते हैं, उसका असर सैनिकों के मनोबल पर पड़ता है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 67वीं बार मन की बात को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करगिल विजय दिवस की बधाई के साथ की। उन्होंने कहा कि करगिल का युद्ध जिन परिस्थियों में हुआ था उसे देश कभी नहीं भूल सकता। पीएम मोदी ने कहा कि करगिल युद्ध के समय, मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला, वो दिन, मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है. उन्होंने कहा कि आज देश भर में लोग कारगिल विजय को याद कर रहे है।

उन्होंने कहा कि आज 26 जुलाई है, आज का दिन बहुत खास है। आज ‘कारगिल विजय दिवस’ है। 21 साल पहले आज के ही दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था।

मोदी ने कहा, "युद्ध की परिस्थिति में, हम जो बात कहते हैं, करते हैं, उसका सीमा पर डटे सैनिक के मनोबल पर उसके परिवार के मनोबल पर बहुत गहरा असर पड़ता है। ये बात हमें कभी भूलनी नहीं चाहिए।"

पीएम मोदी ने कहा कि कभी-कभी हम इस बात को समझे बिना सोशल मीडिया पर ऐसी चीजों को बढ़ावा दे देते हैं जो हमारे देश का बहुत नुकसान करती हैं। कभी-कभी जिज्ञासा वश फॉरवर्ड करते रहते हैं। पता है गलत है ये - करते रहते हैं।

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मनसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहाँ चल रहे आन्तरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था।

मोदी ने कहा, "अटल जी ने कहा था कि कारगिल युद्ध ने, हमें एक दूसरा मंत्र दिया है- ये मंत्र था, कि, कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले, हम ये सोचें, कि, क्या हमारा ये कदम, उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।"

वहीं देश भर में फैले कोरोना महामारी को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से पूरे देश ने एकजुट होकर जिस तरह कोरोना से मुकाबला किया है, उसने, अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है। आज, हमारे देश में रिकवरी रेट अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, साथ ही, हमारे देश में कोरोना से मृत्यु-दर भी दुनिया के ज्यादातर देशों से काफ़ी कम है ।

उन्होंने देशवासियों से कहा, "मैं, आप से आग्रह करूँगा जब भी आपको मास्क के कारण परेशानी फील होती हो, मन करता हो उतार देना है, तो, पल-भर के लिए उन डॉक्टरों का स्मरण कीजिये, उन नर्सों का स्मरण कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिये"

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