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क्या देश में फिर से लग सकता है लॉकडाउन? मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की अहम बैठक

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए कई...
क्या देश में फिर से लग सकता है लॉकडाउन? मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की अहम बैठक

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए कई पाबंदिया भी लगाई जा रही हैं। ऐसे में यह भी अटकलें लगाई जा रही है कि कहीं लॉकडाउन दोबारा तो नहीं लगाया जाएगा? इस बीच आज पीएम नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोरोना की स्थिति पर अहम बैठक कर रहे हैं।

यह बैठक सुबह और दोपहर में दो चरणो में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। पहले हिस्से की बैठक सुबह 10 बजे शुरू हो गई है, इसमें उन आठ राज्यों के मुख्यमंत्री भाग लेंगे, जहां पर कोरोना का कहर सबसे अधिक है। यह राज्य महाराष्ट्र, केरल, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़,हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश हैं। इन राज्यों की बैठक में प्रधानमंत्री कोरोना से बचाव के उपाय और प्रबंधन पर बात करेंगे।

इसके बाद दोपहर 12 बजे से बाकी बचे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और प्रशासकीय प्रमुखों के साथ बैठक होगी। माना जा रहा है कि पीएम मोदी त्योहारी मौसम के बाद आई कोरोना की लहर और वर्तमान स्थिति की समीक्षा बैठक में करेंगे। साथ ही साथ कोरोना की वैक्सीन वितरण के प्रबंधन को लेकर राज्यों के मुख्य मंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुखों के साथ चर्चा करेंगे।

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इन बैठकों में जोर इस बात पर होगा कि कोरोना का टीका अगले दो माह के भीतर जनसामान्य के टीकाकरण के लिए उपलब्ध होगी। ऐसी हालत में तब तक कोरोना से बचाव के उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए। कोरोना से बचाव के उपाय में लापरवाही को रोकने के लिए सख्त कानूनी उपाय और सख्ती बरतनी पड़े तो उससे जुड़े उपाय भी किये जाए।

प्रधानमंत्री मोदी का जोर "जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं" की नीति पर होगा। प्रधानमंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक प्रमुखों को यह भी बताएंगे वैक्सीन की उपलब्धता होने पर उसके भंडारण, ट्रांसपोर्टेशन और टीकाकरण के प्रबंधन के लिए किस तरह से केंद्र सरकार ने तैयारियां की हैं और उन एसओपी का पालन कर राज्यों को कैसे अपनी भूमिका निभानी है।

 

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