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धुले मॉब लिंचिंग का कारण बना फेक वीडियो, मृत सीरियाई बच्चों की तस्वीरों से फैलाया झूठ

झूठे वीडियो और तस्वीरों की मदद से अफवाह फैलाने का खूनी खेल लगातार तेज होता जा रहा है। फेक वीडियो का असर...
धुले मॉब लिंचिंग का कारण बना फेक वीडियो, मृत सीरियाई बच्चों की तस्वीरों से फैलाया झूठ

झूठे वीडियो और तस्वीरों की मदद से अफवाह फैलाने का खूनी खेल लगातार तेज होता जा रहा है। फेक वीडियो का असर भयावह रूप लेता है कि इंसानों की जान चली जाती है। भीड़ ऐसे वीडियो को सच मानकर उन्मादी हो जाती है। हाल ही में बच्चा चोर जैसी अफवाहों की वजह से देश में 29 लोगों की मौत हुई है। पिछले दिनों महाराष्ट्र के धुले में भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में पांच लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। लेकिन जिस वीडियो के सहारे बच्चा चोरी की अफवाह फैलाई गई उसमें इस्तेमाल किए गए बच्चों की तस्वीरों को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

1 जुलाई को महाराष्ट्र में धुले जिले के रैनपाडा गांव में। भीड़ ने पांच निर्दोष लोगों की बच्चा चोरी के शक में पीट पीटकर हत्या कर दी। महाराष्ट्र के कई इलाको में इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए बच्चा चोर गिरोहों के सक्रिय होने की अफवाहें फैल रही हैं। खासकर धुले और नंदुरबार ज़िलों में अफवाह फैली है कि बच्चा उठाने वाली टोलियां घूम रही हैं। लेकिन इस तरह के फैल रहे संदेश में इस्तेमाल किए जा रहे फोटो का भारत से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।

वीडियो में मृत बच्चों को दिखाया गया है। जिसमें हिंदी में कहा गया कि इन बच्चा चोरी करने वाले गैंग ने इन बच्चों का अपहरण करके उनकी हत्या कर दी है ताकि वे उनके अंग निकाल सके। एनडीटीवी के मुताबिक यह तस्वीर सीरिया की है। पांच साल पहले, 2013 में सीरिया में हुए हमले में इन बच्चों की मृत्यु हो गई थी।

इस तरह के कई वीडियो सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं जिनको झूठे ढंग से तोड़ मरोड़ कर हिंसा फैलाने में इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा ही एक वीडियो पाकिस्तान में बच्चों के अपहरण पर जागरुकता फैलाने के लिए बनाया गया था लेकिन इसका इस्तेमाल भी शरारती तत्वों द्वारा गलत तरीके से किया जा रहा है। ऐसे में किसी भी जानकारी, संदेश को पाने के बाद उसकी विश्वसनीयता का प्रमाणीकरण बेहद जरूरी है। भीड़ को उन्मादी बनने के बजाय सतर्क रहने की जरूरत है।

लेकिन इस वीडियो में हिंदी भाषा में बताया जा रहा है कि इन बच्चों को गैंग ने मारा है ताकि उनके अंग निकाल सकें Boomlive.in के प्रबंध संपादक जैनी जैकब ने बताया कि इस वीडियो के बारे में बताया है कि यह साल 2013 में सीरिया में हुये एक हमले का वीडियो था. जिसमें ये बच्चे मारे गये थे.

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