Advertisement

भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग से कहा- 50 फीसदी स्टाफ कम करे, जासूसी करने का है आरोप

भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी कम करने को कहा है।...
भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग से कहा- 50 फीसदी स्टाफ कम करे, जासूसी करने का है आरोप

भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी कम करने को कहा है। साथ ही भारत भी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या को उसी अनुपात में कम करेगा। मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने कहा है कि पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को इस बाबत तलब किया गया है। इस आदेश को एक सप्ताह के भीतर लागू करना होगा। भारत ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी जासूसी और आतंकवादी संगठनों के साथ सांठ-गांठ जैसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं।

पाकिस्तान का व्यवहार वियना कन्वेंशन के अनुरूप नहीं: एमईए

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि बीते दिनों इस्लामाबाद में दो भारतीय अधिकारियों का अपहरण कर लिया गया था। उनके साथ पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा बर्बरता की गई। एमईए के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने कहा कि पाकिस्तान का व्यवहार वियना कन्वेंशन के अनुरूप नहीं है। द्विपक्षीय समझौतों के तहत उनके अधिकारियों का व्‍यवहार उचित नहीं है।

जासूसी करते दो अधिकारी पकड़े गए थे

31 मई को भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में पकड़ा था। जिसके बाद दोनों को 24 घंटे के भीतर देश से चले जाने का आदेश दिया गया था। जिस पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को तलब कर विरोध प्रकट किया था। दरअसल, अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने पाक उच्चायोग के दो अधिकारी आबिद हुसैन और मुहम्मद ताहिर को उस समय पकड़ा था जब वे रिश्वत देकर एक भारतीय नागरिक से देश के सुरक्षा प्रतिष्ठानों की गोपनीय जानकारी से संबंधित दस्तावेज ले रहे थे। सूत्रों के अनुसार ये अधिकारी पाकिस्तान उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते थे। पूछताछ में बताया था कि वे पाकिस्तान जासूसी एजेंसी आइएसआई के लिए काम कर रहे थे।

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad