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सरकार का यू-टर्न, सीएपीएफ कैंटीन में बिकने वाली 1,000 से अधिक 'गैर स्वदेशी' प्रोडक्ट्स के बैन पर आदेश वापस

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को किए संबोधन में स्वदेशी उत्पाद पर जोर दिया था। इस बाबत...
सरकार का यू-टर्न, सीएपीएफ कैंटीन में बिकने वाली 1,000 से अधिक 'गैर स्वदेशी' प्रोडक्ट्स के बैन पर आदेश वापस

पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को किए संबोधन में स्वदेशी उत्पाद पर जोर दिया था। इस बाबत गृह मंत्रालय ने डाबर, वीआईपी उद्योग, यूरेका फोर्ब्स, जैक्वार, एचयूएल (खाद्य पदार्थ), नेस्ले इंडिया जैसी कंपनियों द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल( सीएपीएफ) कैंटीन में एक हजार से अधिक उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। लेकिन, अब इस फैसले पर सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। सोमवार को गृह मंत्रालय ने अपने इस आदेश को वापस ले लिया है।

संबंधित सूची को सार्वजनिक करने के कुछ घंटे बाद ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि कुछ खामियां हैं और नयी सूची जल्द जारी की जाएगी। 

गृह मंत्रालय ने 13 मई को की थी घोषणा

गृह मंत्रालय ने 13 मई को घोषणा की थी कि 1,700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन (सीपीसी) और सीएपीएफ कैंटीन में एक जून यानी आज से सिर्फ स्वदेशी उत्पाद ही उपलब्ध होगा। पैरामिलिट्री कैंटीनों में सिर्फ स्वदेशी चीजों की ही बिक्री को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि सीएपीएफ की कैंटीनों और स्टोरों पर सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी। उन्होंने लोगों से स्वदेशी अपनाने की अपील की थी।

इन कंपनियों के उत्पाद को सूची से हटाया गया था

जिन कंपनियों के उत्पाद को सूची से हटाया गया था उसमें ब्लू स्टार लिमिटेड, बोरोसिल ग्लास वर्क्स लिमिटेड, कोलगेट पामोलिव इंडिया लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, वीआईपी इंडस्ट्रीज, यूरेका फोर्ब्स, जगुआर, एचयूएल (खाद्य पदार्थ), नेस्ले इंडिया शामिल हैं।

हर साल करीब 2,800 करोड़ रुपए का व्यापार

आदेश में ये कहा गया था कि 'नॉन स्वदेशी' चीजों को हटाने को लेकर फैसला कैंटीन बोर्ड की तरफ से लिया गया। बता दें कि सीएपीएफ की कैंटीनों में हर साल करीब 2800 करोड़ रुपए का सामान बेचा जाता है। इसे 10 लाख जवानों के परिवार के करीब 50 लाख लोग इस्तेमाल करते हैं।

 

 
 

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