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निर्भया केस: तिहाड़ जेल से दस्तावेज मांगने की दोषियों के वकीलों की याचिका खारिज

दिल्ली की एक अदालत ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा के दोषियों के वकील की...
निर्भया केस: तिहाड़ जेल से दस्तावेज मांगने की दोषियों के वकीलों की याचिका खारिज

दिल्ली की एक अदालत ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा के दोषियों के वकील की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें तिहाड़ जेल से अतिरिक्त दस्तावेजों की मांग की गई थी। शनिवार को अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई और निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है। दोषियों के वकील का कहना था कि जेल अधिकारियों ने उन्हें दया और क्यूरिटिव याचिका दायर करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज नहीं सौंपे।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार जैन ने कहा कि दोषियों के वकील तिहाड़ जेल अधिकारियों से संबंधित दस्तावेजों, डायरी और चित्रों की तस्वीरें ले सकते हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों के वकीलों द्वारा मांगे गए सभी संबंधित दस्तावेज दे दिए हैं और दोषी अब केवल देरी की “रणनीति” अपना रहे हैं। उन्होंने कहा क हम पहले ही सभी दस्तावेज दे चुके हैं। हमने उन सभी जेलों से भी सभी दस्तावेज मंगवा लिए हैं, जहां वे रहे थे।”

दोषियों के वकील को चाहिए पूरे दस्तावेज

दोषियों के वकील ने जानना चाहा कि जेल में रहते हुए विनय ने कुछ पेटिंग बनाई थी, जिसकी बिक्री तिहाड़ हाट में कई गई थी। वकील उस पेंटिंग के जरिये हुए कमाई के बारे में भी जानना चाहते थे। साथ ही उस डायरी के बारे में भी जो दोषी विनय कुमार शर्मा ने जेल में रहते हुए, ‘दरिंदा’ नाम से लिखी थी। इसके बाद जेल प्रशासन ने दोषी विनय की पेटिंग और उसकी डायरी भी कोर्ट में पेश की। कोर्ट ने तिहाड़ जेल से कहा कि सभी दस्तावेज दोषियों को दे दिए जाएं। जेल प्रशासन ने कहा कि सभी दस्तावेज सौंप दिए गए हैं और इसके साथ ही इस अर्जी का निपटारा हो गया।

विनय को धीमा जहर देने का आरोप

दोषियों के वकील एपी सिंह ने आरोप लगाया कि जेल में विनय को धीमा जहर दिया गया था जिसकी वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। लेकिन अभी तक उन्हें वो मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं सौंपी गई है। वकील का कहना है जेल प्रशासन ने उन्हें कुछ दस्तावेज शुक्रवार की देर रात सौंपे हैं। जिसमें विनय की मेडिकल रिपोर्ट और कुछ दस्तावेज अभी नहीं मिले हैं। दया याचिका में हम राष्ट्रपति को सब कुछ बताना चाहते हैं। यह भी कि वह पेंटिंग करता है, उसने कई पेंटिंग बनाई हैं। हमें उन पेंटिंग के जरिये हुई कमाई का ब्योरा भी चाहिए।

पवन का फोड़ा गया था सिर

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंडोली की जेल नंबर 14 में पवन का सिर फोड़ दिया गया था। यह सितंबर 2013 की घटना है। उन्हें इसकी भी रिपोर्ट नहीं दी गई है। चोट लगने के बाद पवन को गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। साथ ही उन्हें तीसरे दोषी अक्षय कुमार सिंह के स्वास्थ्य से संबंधित दस्तावेज भी नहीं दिए गए हैं। उन्हें दया याचिका दाखिल करने के लिए इसकी जरूरत थी।

दया याचिका के लिए नहीं थे पूरे कागजात

सिंह ने आरोप लगाया गया था कि जेल अधिकारियों ने विनय (26) अक्षय (31) और पवन (25) के लिए दया याचिका दायर संबंधित पूरे कागजात मुहैया नहीं कराए थे। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अन्य दो दोषियों- विनय और मुकेश सिंह (32) की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज कर दी थी। मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में खारिज कर दी थी। अदालत के आदेश के मुताबिक, चारों को 1 फरवरी 2020 को सुबह 6 बजे फांसी होनी है। 23 साल की एक छात्रा के साथ 16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया गया था और चलती बस से नीचे फेंक दिया था। बाद में उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां उसकी मौत हो गई थी।

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