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एनडीए की डील यूपीए से सस्ती कैसे? राफेल डील पर CAG रिपोर्ट से समझें पूरी बात

राफेल पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट आ गई है। कैग ने निष्कर्ष निकाला कि 2016 में भाजपा के...
एनडीए की डील यूपीए से सस्ती कैसे? राफेल डील पर CAG रिपोर्ट से समझें पूरी बात

राफेल पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट आ गई है। कैग ने निष्कर्ष निकाला कि 2016 में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा राफेल फाइटर जेट सौदे पर समझौता किया गया था, जो 2007 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा किए गए सौदे से 2.86 प्रतिशत सस्ता है।

मोदी सरकार के समय में 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का सौदा हुआ। इससे पहले यूपीए के समय में 126 राफेल का सौदा हुआ था पर कई शर्तों पर आम राय नहीं बन सकी थी। इस पर आज संसद में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कैग  ने दोनों सौदों के प्रत्येक भाग और पहलू की तुलना करते हुए एक वस्तु-वार लागत विश्लेषण किया है।

कैग द्वारा दिया गया विवरण इस प्रकार है-

 1

फ्लाइवे विमान लागत

शून्य प्रतिशत यानी समान लागत  

 2

 सेवाएं, उत्पाद, ऑपरेशनल सपोर्ट इक्विपमेंट, टेक्निकल असिस्टेंस आदि

 4.77 प्रतिशत कम

 3

 भारतीय जरूरतों के मुताबिक बदलाव

 17.08 प्रतिशत कम

 4

 मानक तैयारी

 शून्य प्रतिशत यानी समान लागत

 5

 इंजीनियरिंग सपोर्ट पैकेज

 6.54 प्रतिशत महंगा

 6

प्रदर्शन आधारित लॉजिस्ट‍िक

 6.54 प्रतिशत महंगा

 7

 टूल्स, टेस्टर्स और ग्राउंड इक्व‍िपमेंट

 0.15 प्रतिशत महंगा

 8

 हथियार आधारित पैकेज

 1.05 प्रतिशत ज्यादा

 9

 रोल इक्विपमेंट

 शून्य यानी समान

 10

 पायलटों और टेक्नीशियन की ट्रेनिंग

 2.68 प्रतिशत महंगा

 11

 सिमुलेटर एवं सिमुलेटर ट्रेंनिंग आदि

 शून्य यानी समान लागत

 12

 कुल

 2.86 फीसदी कम

कीमत का खुलासा नहीं, विमानों की डिलीवरी जल्दी

कैग रिपोर्ट में विमान के दाम नहीं बताए गए हैं। हालांकि इस रिपोर्ट में यूपीए के मुकाबले एनडीए के शासनकाल में 2.86% सस्ती डील फाइनल करने की बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 126 विमानों की पुरानी डील की तुलना में 36 राफेल विमानों का नया सौदा कर भारत 17.08% पैसा बचाने में कामयाब रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पुरानी डील के मुकाबले नई डील में 18 विमानों की डिलीवरी का समय बेहतर है। शुरुआती 18 विमान भारत को पांच महीने जल्दी मिल जाएंगे।

मोदी सरकार को राहत?

इस रिपोर्ट से मोदी सरकार को काफी राहत मिलती दिखाई दे रही है, जो लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस द्वारा लगातार हमलों का सामना कर रही है। केंद्र ने राफेल मुद्दे में विपक्षी पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों को बार-बार नकारा है। रिपोर्ट राज्यसभा में पेश किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर लिखा, ‘सत्यमेव जयते-सत्य की जीत हमेशा होती है। राफेल पर कैग रिपोर्ट से यह कथन एक बार फिर सच साबित हुआ है।‘ एक अन्य ट्वीट में जेटली ने कहा, ‘कैग रिपोर्ट से महाझूठबंधन के झूठ उजागर हो गए हैं।‘

कैग रिपोर्ट चौकीदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट है'- कांग्रेस

राफेल मुद्दे पर कांग्रेस अब भी जांच पर अड़ी है। कांग्रेस ने सीएजी रिपोर्ट को चौकीदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट बताया है। मंगलवार को भी राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि कैग रिपोर्ट बेमानी है। उन्होंने कहा, 'डील से जुड़े सीक्रेट साझा करने के लिए प्रधानमंत्री को जेल जाना चाहिए। सीएजी रिपोर्ट चौकीदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट है। यह मोदी की रिपोर्ट है जिसे चौकीदार ने बनाई, चौकीदार के लिए बनाई। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कैग रिपोर्ट का हवाला दिया था, लेकिन कैग रिपोर्ट तब थी ही नहीं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी झूठ बोला।'

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