Advertisement

मोदी सरकार ने कृषि कानूनों के समर्थन के लिए खर्च कर दिए 8 करोड़, फिर भी विरोध है जारी

कृषि कानूनों के समर्थन और उनसे जुड़े मुद्दों को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए मोदी सरकार अब तक...
मोदी सरकार ने कृषि कानूनों के समर्थन के लिए खर्च कर दिए 8 करोड़, फिर भी विरोध है जारी

कृषि कानूनों के समर्थन और उनसे जुड़े मुद्दों को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए मोदी सरकार अब तक विज्ञापनों पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। इसके बावजूद देशभर में कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक लोकसभा में शुक्रवार को कृषि मंत्रालय ने दावा किया कि कृषि कानूनों पर अध्यादेश लागू करने से पहले सभी राज्य सरकारों से विचार-विमर्श किए गए थे। कृषि मंत्रालय ने यह भी दावा किया कि कृषि कानूनों पर सरकार ने भारत की जनता से भी चर्चा की थी, हालांकि इस पर कोई खर्च नहीं किया गया था।

कृषि कानूनों के प्रचार अभियान के तहत खर्च की गई राशि पर पूछे जाने पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सूचना प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरों ऑफ आउटरीच ऐंड कम्यूनिकेशन ने सितंबर 2020 से जनवरी तक 7.25 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। तोमर ने यह जानकारी राज्यसभा में पूछे गए अलग-अलग सवालों के लिखित जवाब में दी है।

सरकार के विज्ञापन में इतनी राशी खर्च करने के बाद भी दिल्ली की विभिन्न बॉर्डरों में किसान संगठन अभी भी डेरा डाले हुए है। वह लगातार कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इनकी संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। 

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad