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मोदी कैबिनेट का फैसला- टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए PLI स्कीम को मंजूरी, 10,683 करोड़ का पैकेज, 7.5 लाख लोगों को रोजगार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज बुधवार को कैबिनेट की अहम बैठक हुई। केंद्रीय मंत्री...
मोदी कैबिनेट का फैसला- टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए PLI स्कीम को मंजूरी, 10,683 करोड़ का पैकेज,  7.5 लाख लोगों को रोजगार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज बुधवार को कैबिनेट की अहम बैठक हुई। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट में लिए गए अहम फैसलों की जानकारी दी। मोदी कैबिनेट ने इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए हैं। वहीं, सरकार ने टेक्सटाइल सेक्टर को बड़ी राहत दी है 

केंद्र ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम की घोषणा कर दी है। 10 अलग-अलग उत्पादों के लिए अगले 5 साल तक 10,683 करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज दिया जाएगा। गौरतलब हो कि केंद्र ने सुस्त पड़ी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने या पुनर्जीवित करने के लिए जुलाई में ये राशि आवंटित की थी। 

इस योजना के तहत टीयर दो और तीन में आने वाली कंपनियों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस स्कीम से मुख्य रूप से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा जैसे राज्यों को लाभ मिल पाएगा। वहीं, इससे पहले कपड़ा मंत्रालय ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन यानी पीएलआई योजना के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी। सरकार का कहना है कि इन पैसों से परिधान को बढ़ावा मिलेगा वहीं, केंद्र ने रोजगार और निर्यात क्षमता को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है।

योजना का ऐलान करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में टेक्टाइल मंत्रालय को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। 5 वर्षों में 10,683 करोड़ रुपये मूल्य के प्रोत्साहन मुहैया कराए जाएंगे। प्रत्यक्ष तौर पर 7.5 लाख से ज़्यादा लोगों के लिए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे।"

वहीं, केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "इन योजनाओं का लाभ लेते हुए भारत अब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में अपना वर्चस्व और दिखा पाएगा। विकसित देशों के साथ भी एफटीए करके हम कपड़ा व्यापार में बाकी देशों के सामने जो हमारी डिसेबिलिटी है उसे कवर करने का प्रयास कर रहे हैं।"

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