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वैक्सीन की कमी पर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ मोदी सरकार से भिड़े, दावा- कई जगह टीकाकरण बंद

कोरोना संकट से निपटने जोर-शोर से चल रहे टीकाकरण अभियान में अब टीकों की कमी का संकट उठ खड़ा हुआ। वहीं इस...
वैक्सीन की कमी पर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ मोदी सरकार से भिड़े, दावा- कई जगह टीकाकरण बंद

कोरोना संकट से निपटने जोर-शोर से चल रहे टीकाकरण अभियान में अब टीकों की कमी का संकट उठ खड़ा हुआ। वहीं इस मसले पर केंद्र और राज्य सरकारें भी आपस में भिड़ गई हैं। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्यों ने जहां टीके की कमी को लेकर केंद्र से शिकायत की तो वहीं केंद्र ने राज्यों पर पलटवार करते हुए दहशत फैलाने का आरोप लगा दिया। केंद्र ने इस संबंध में राज्यों को पत्र भी लिखा है।

पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र के प्रधान सचिवों को एक पत्र में अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव मनोहर अग्नानी ने उल्लेख किया है कि इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से नीचे है और इसमें सुधार की जरूरत है। पत्र में उनसे अपने-अपने राज्यों में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के प्रदर्शन को सुधारने के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के असर को घटाने के लिए मौजूदा टीकाकरण अभियान में आपके सतत सहयोग की जरूरत है।’’

वहीं अग्नानी के इस पत्र के पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कड़ी टिप्पणी में महाराष्ट्र तथा कुछ अन्य राज्यों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे योग्य लोगों का टीकाकरण किए बिना टीके की मांग कर अपनी नाकामी को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं और लोगों के बीच दहशत फैला रहे हैं।

डॉ हर्षवर्धन के बयान पर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन का छत्तीसगढ़ सरकार के बारे में दिया गया यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार कोविड-19 टीकाकरण पर भ्रामक सूचनाएं और अफवाह फैला रही है। देव ने कहा कि इस तरह के बयान महामारी के विरुद्ध संयुक्त प्रयास को प्रभावित करते हैं। उनके बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए देव ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और डॉ हर्ष वर्धन से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती...।”

'केंद्र की टीकाकरण की नीति पूरी तरह से विफल'


टीकाकरण के लिए आयु वर्ग का दायरा बढ़ाने की मांग खारिज करने को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की। साथ ही, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र के प्रति सहयोग का रवैया नहीं अपना रही है, जो देश में महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यदि महाराष्ट्र को कोविड-19 टीके की पर्याप्त खुराक की आपूर्ति नहीं की जाती है तो केंद्र और भाजपा को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

पटोले ने कहा कि देशभर में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में टीकाकरण अभियान को विस्तार देने के अलावा कोई और चारा नहीं है। कांग्रेस नेता अनंत गाडगिल ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम करने में महाराष्ट्र की स्थिति की आलोचना करने वाले वर्धन के बयान राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की टीकाकरण की नीति पूरी तरह से विफल रही है।

टीकों की कमी, बंद करने पड़ रहे टीकाकरण केंद्र

देश के विभिन्न हिस्सों से टीकों की कमी की शिकायत आ रही है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी बुधवार को कहा कि राज्य के पास कोविड-19 के टीके की 14 लाख खुराकें ही बची हुयी हैं जो तीन दिन ही चल पाएंगी और टीकों की कमी के कारण कई टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़ रहे हैं। टोपे ने संवाददाताओं से कहा कि ऐसे टीकाकरण केंद्रों पर आ रहे लोगों को वापस भेजा जा रहा है क्योंकि टीके की खुराकों की आपूर्ति नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में अब 14 लाख खुराकें ही उपलब्ध हैं जिनसे तीन दिन ही टीकाकरण हो पाएगा। हमें हर हफ्ते 40 लाख खुराकों की जरूरत है। इससे हम एक सप्ताह में हर दिन छह लाख खुराक दे पाएंगे। पर्याप्त टीके नहीं मिल पाए हैं।’’ टोपे ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व में एक दिन में चार लाख लोगों का टीकाकरण कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘रोजाना छह लाख लोगों का टीकाकरण करने की केंद्र की चुनौती हमने स्वीकार की थी। अब एक दिन में पांच लाख लोगों को टीकाकरण हो रहा है। ’’

वहीं आंध्र प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी टीकों की कमी की शिकायत की गई है। ओडिशा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अवर मुख्य सचिव पीके महापात्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर राज्य में टीकाकरण सुचारू ढंग से चलाने के लिए कोविशील्ड की 15-20 लाख खुराक देने का अनुरोध किया। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी वैक्सीन की कमी बताते हुए वैक्सीन का अनुपात बढ़ाए जाने की मांग की। आंध्र प्रदेश सरकार ने भी वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया और कहा है कि उसके पास सिर्फ 3.7 लाख डोज बचे हैं, जबकि राज्य में हर दिन 1.3 लाख डोज लगाए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह की शिकायत मिली। बिलासपुर जिले में कई लोग टीकाकरण के लिए चक्कर काटते नजर आए। इस बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कहा कि राजनीतिक पैंतरों और बयानबाजी से ऊपर उठकर अब संक्रमण से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ को ठोस मदद की जरूरत है। प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण बढ़ने को देखते हुये जरूरत इस बात की है कि टीकाकरण में उम्र की सीमा समाप्त की जाये। टीका सबको उपलब्ध कराया जाये। मोदी सरकार टीम नहीं टीका भेजे।छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की कमी की बार-बार हो रही घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि चिकित्सा विशेषज्ञों से मिल रही जानकारी के अनुसार L452R और E484Q के म्यूटेंट के कारण महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कोरोना की सेकंड वेव का प्रसार हो रहा है।

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