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मोदी का ड्रीम प्लान 2024 तक बदल जाएगा, राजपथ और संसद भवन

मोदी सरकार नई दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ का रंग-रूप बदलने जा रही है। नई योजना के मुताबिक राष्ट्रपति भवन,...
मोदी का ड्रीम प्लान 2024 तक बदल जाएगा, राजपथ और संसद भवन

मोदी सरकार नई दिल्ली के ऐतिहासिक राजपथ का रंग-रूप बदलने जा रही है। नई योजना के मुताबिक राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक और संसद भवन में बदलाव किया जाएगा जिसमें देश की संस्कृति की झलक दिखे। अगले पांच सालों में ऐडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किए गए ये भवन नए रूप में होंगे। यह प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है।

सब बदल डालेंगे

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप पुरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री 1911 और 1927 में बने नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, राष्ट्रपति भवन और संसद भवन में बदलाव चाहते हैं। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है। संभव है कि अगले पांच सालों में दिल्ली को नया संसद भवन मिल जाए। उद्योग निकाय फिक्की और दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा, "हम उन सभी इमारतों को फिर से बनाने जा रहे हैं। आगे जब हम 2024 में अगले चुनाव में मिलें तो यह हमारी उम्मीद है कि हम संसद भवन की नई इमारत में मिलें।

पूरे इलाके के लिए नया प्लान

नए मास्टर प्लान में नए भारत के मूल्य और आकांक्षाओं की झलक दिखेगी। राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट और उसके आसपास के करीब 4 किमी के दायरे में मौजूद इमारतों को नई योजनाओं के तहत बनाया जाएगा। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि सरकार पुराने भवनों को नया रूप देगी या संसद का भवन ही दूसरा बनेगा। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं।

नई सरकार नया भवन

मोदी चाहते हैं कि यह काम इसी कार्यकाल में पूरा हो जाए। मंत्रालय ने इसके लिए सीपीडब्ल्यूडी से प्रस्ताव मांगा है। कंपनियों को 15 अक्टूबर तक प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है। पहले भी नए संसद भवन की मांग की जा चुकी है। यूपीए-2 के कार्यकाल में भी इस तरह की मांग की गई थी। नए भवन के लिए जगह कम होने की बात कही जाती है। कहा जा रहा है कि यदि नया संसद भवन बनता है तो इस भवन में संग्राहलय बनाया जा सकता है।  

जीडीपी में योगदान

पुरी ने कहा कि नई लैंड पूलिंग नीति 2024 तक दिल्ली को दुनिया के सबसे बड़े मेगापोलिस में बदल देगी। यह 17 लाख अतिरिक्त आवासीय इकाइयों का निर्माण करेगा, जो देश की जीडीपी और नौकरियों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

डीडीए चेयरमैन और लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल का कहना है कि हम लैंड पूलिंग सेक्टर को नए और बड़े आवासीय रिक्त स्थान, कार्य क्षेत्र, मनोरंजक केंद्र और नए सांस्कृतिक शहर को भविष्य के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखते हैं।"

डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर ने कहा कि 6,400 हेक्टेयर या 15,000 एकड़ से अधिक भूमि लैंड पूलिंग के लिए पंजीकृत की गई है। डीडीए शुरुआती परियोजनाओं में भूस्वामियों का समर्थन करेगा ताकि अधिक डेवलपर्स को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

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