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आज पेश होगा अंतरिम बजट, किसान, कारोबारियों और मध्यम वर्ग पर मेहरबान हो सकती है सरकार

लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आज अंतरिम बजट पेश करेगी। यह मोदी सरकार के...
आज पेश होगा अंतरिम बजट, किसान, कारोबारियों और मध्यम वर्ग पर मेहरबान हो सकती है सरकार

लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आज अंतरिम बजट पेश करेगी। यह मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम बजट होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली का स्वास्थ्य बेहतर न होने के कारण पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है तो वह ही अंतरिम बजट पेश करेंगे। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो गया है जो 13 फरवरी तक चलेगा।

माना जा रहा है कि इस बजट से उद्योग, कृषि, स्वास्थ्य समेत मध्यम वर्ग आदि को काफी उम्मीदें हैं। वहीं, सरकार ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी का आरक्षण रखा है। इसका सालाना आठ लाख रुपये से कम आय वाला इसका फायदा उठा सकते हैं। ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि सरकार इनकम टैक्स छूट लिमिट भी बढ़ा सकती है। इससे पहले पूर्ण बजट पेश किए जाने की खबर आई थी, जिस पर बुधवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट किया गया कि यह ‘अंतरमि बजट 2019-20’ होगा।

बजट में क्या-क्या ऐलान कर सकती है मोदी सरकार

माना जा रहा है कि आम चुनाव से पहले पेश होने वाले इस बजट में आयकर छूट सीमा बढ़ाने, गरीबों के लिए न्यूनतम आय योजना और किसानों के लिए सहायता पैकेज सहित कई तरह की लोक लुभावन घोषणाएं की जा सकती है। हालांकि, आगामी बजट सत्र के दौरान मात्र चार माह के लेखानुदान को ही मंजूरी दी जाएगी। चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार ही पूर्ण बजट पेश करेगी।

-  गरीबों के लिए मिनिमम इनकम स्कीम का ऐलान कर सकती है।

- 2019 का अंतरिम बजट किसान केंद्रित हो सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों से ग्रामीण संकट प्रमुख प्रेशर प्वाइंट बनकर उभरा है। 6 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए 2019 का अंतरिम बजट किसान केन्द्रित बजट हो सकता है। बजट में किसानों के लिए इनकम सपोर्ट प्रोग्राम की घोषणा हो सकती है।  

- मिडिल क्लास के लोगों को जानकर खुशी होगी कि इस बजट में उनके लिए कुछ राहत भरे फैसले लिए जा सकते हैं। खासकर सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स से छूट वाली आय की लिमिट को बढ़ा सकती है। 

- मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल के आखिरी बजट से उद्योग जगत को काफी उम्मीदें हैं। कारोबारियों को उम्मीद है कि चुनावी साल होने के नाते बजट में इंडस्ट्रियल सेक्टर को कुछ तो राहत मिलेगी। खास तौर से कॉरपोरेट टैक्स के मोर्चे पर कुछ राहत मिल सकती है।

-  हेल्थकेयर सेक्टर के लिए भी कुछ घोषणाएं होने की उम्मीद है। पिछले बजट में सरकार का फोकस मोदी केयर यानी आयुष्मान भारत योजना पर था।

जेटली का संकेत

मोदी सरकार से इस बजट में बड़े-बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही है, लेकिन आशंका यह भी है कि अंतरिम बजट की बाध्याताओं के कारण ऐसा संभव न हो। हालांकि, पिछले दिनों वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में संकेत दिया था कि सरकार अर्थव्यवस्था की तात्कालिक चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठा सकती है। इसलिए, उम्मीद की जा रही है कि इस बार के कृषि संकट और इसका अर्थव्यवस्था पर असर जैसे मुद्दे बजट की प्राथमिकता में शामिल रह सकते हैं।

वित्त मंत्रालय की सफाई- यह अंतरिम बजट ही होगा

बजट को लेकर इससे पहले उस समय भ्रम की स्थिति बन गई थी जब वाणिज्य मंत्रालय ने मीडिया को भेजे एक व्हॉट्सएप संदेश में, ‘2019-20 के बजट को अंतरिम बजट न बताकर इसे 2019-20 के आम बजट के तौर पर बताया।’ हालांकि, वित्त मंत्रालय ने बाद में स्पष्ट करते हुए कहा कि यह अंतरिम बजट ही होगा। राजनीतिक गलियारों में भी इसको लेकर भ्रम की स्थिति बन गई कि सरकार आम चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश करने की परंपरा से हटकर पूर्ण बजट पेश कर सकती है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुये कहा कि वह भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार द्वारा ‘पूर्ण बजट’ पेश करने का संसद के अंदर और बाहर दोनों स्तर पर विरोध करेगी क्योंकि यह कदम संसदीय परंपरा के खिलाफ होगा।

क्या है अंतरिम बजट

लोकतांत्रिक देशों में चुनावी साल के दौरान सरकारें फुल बजट न पेश कर अंतरिम बजट पेश करती हैं। दरअसल यह बजट चुनावी वर्ष में नई सरकार के गठन तक खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता होती है। इस बजट में ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया जाता है, जो नीतिगत और जिसे पूरा करने के लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़े या फिर कानून में बदलाव की जरूरत हो।

इस बजट में डायरेक्ट टैक्स में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाता, हालांकि सरकारें इंपोर्ट, एक्साइज या सर्विस टैक्स में राहत दे देती हैं। आम तौर पर हर सरकार की अपनी राजकोषीय योजनाएं होती हैं और वह उसी के मुताबिक धन का आवंटन करती हैं।

वित्त मंत्री रहते हुए जेटली ने पेश किए हैं पांच बजट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के मौजूदा कार्यकाल का यह अंतिम बजट होगा। वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल यह बजट पेश करेंगे। अरुण जेटली के इलाज के लिए अमेरिका जाने के बाद पिछले सप्ताह ही रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। इससे पहले वित्त मंत्री रहते हुए जेटली ने पांच बजट पेश किए हैं।

मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका में हैं जेटली

बता दें कि पिछले साल किडनी ट्रांसप्लांट के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका गए हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अरुण जेटली की पहली विदेश यात्रा है। उन्हें पिछले साल अप्रैल में एम्स में भर्ती कराया गया था जहां पर वह डायलसिस पर थे। बाद में 14 मई 2018 को उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उस दौरान भी रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।

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