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पश्चिम बंगाल चुनावः मोदी की चुनावी रैली का राज, जानें मतदान के दिन ही क्यों करते हैं सभाएं

मंगलवार को केरल, तमिलनाडु, पुदुचेरी और असम में मतदान खत्म हो गए, लेकिन पश्चिम बंगाल में अभी तक 294 सीटों...
पश्चिम बंगाल चुनावः मोदी की चुनावी रैली का राज, जानें मतदान के दिन ही क्यों करते हैं सभाएं

मंगलवार को केरल, तमिलनाडु, पुदुचेरी और असम में मतदान खत्म हो गए, लेकिन पश्चिम बंगाल में अभी तक 294 सीटों में से 91 सीटों पर ही मतदान हुआ है। पांच चरणों में 203 सीटों पर वोटिंग अभी बाकी है। इसलिए भाजपा का सबसे बड़ा चुनावी चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के अन्य नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के तीन हफ्ते तक बंगाल में ही जमे रहने की उम्मीद है। लेकिन पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी की सभाओं में एक खास तरह का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। वे मतदान के दिन चुनावी सभाएं कर रहे हैं, खास कर उस जिले में जहां चुनाव हो रहे हैं या उसके पड़ोसी जिले में।

प्रधानमंत्री ने 27 मार्च को पहले चरण के मतदान के दिन प्रदेश में किसी चुनावी रैली को संबोधित नहीं किया। दूसरे चरण में 1 अप्रैल को पूर्वी और पश्चिम मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना और बांकुड़ा जिले की 30 सीटों पर मतदान चल रहे थे। जब नंदीग्राम में वोटिंग जारी थी तब मोदी पड़ोसी जिले हावड़ा के उलबेरिया में भाषण दे रहे थे। उस दिन मथुरापुर में भी उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित किया, जबकि पास की गोसाबा, काकदीप और सागर सीटों पर मतदान चल रहे थे।

मंगलवार को तीसरे चरण में हावड़ा, हुगली और दक्षिण 24 परगना जिलों की 31 सीटों पर मतदान हुआ। इस दिन मोदी की पहली सभा कूचबिहार में और दूसरी हावड़ा के डुमुरजला में हुई, जबकि हावड़ा जिले की ही सात सीटों पर उस समय मतदान चल रहे थे। प्रदेश में चौथे चरण में 10 अप्रैल को उत्तर बंगाल में मतदान शुरू होगा। उस दिन कूचबिहार, अलीपुरदुआर, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली जिलों की 44 सीटों पर वोटिंग होनी है। उसी दिन सिलीगुड़ी और कल्याणी में प्रधानमंत्री की चुनावी सभाएं प्रस्तावित हैं। सिलीगुड़ी तो उत्तर बंगाल में है ही, कल्याणी (जिला नदिया) भी दक्षिण 24 परगना जिले के पास है।

सुरक्षाकर्मियों से पार्टियां नाराज, मतदाता खुश
तीसरे चरण में केंद्रीय सुरक्षा बलों के खिलाफ राजनीतिक दलों ने अनेक शिकायतें दर्ज कराई हैं। इनमें भाजपा भी शामिल है। डायमंड हार्बर में सुरक्षा बलों के खिलाफ कम से कम 38 शिकायतें हुई हैं, कहीं पार्टी के नेता के साथ हाथापाई की तो कहीं समय से पहले मतदाताओं को मतदान केंद्र से बाहर करने की। डायमंड हार्बर में तो भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों ने केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों पर आरोप लगाए हैं। तृणमूल नेता ममता बनर्जी ने एक बार फिर सुरक्षा कर्मियों पर भाजपा के पक्ष में मतदान करवाने का आरोप लगाया है। अभी तक सबसे अधिक हिंसा तीसरे चरण में ही हुई है, लेकिन मतदाताओं ने सुरक्षा कर्मियों की भूमिका की तारीफ की है। उनका कहना है कि पहले वे डर के मारे मतदान के दिन घर से नहीं निकलते थे, लेकिन इस बार सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी के कारण उन्होंने मतदान किया है।

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