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जानिए भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 विमान के बारे में, जिससे पीओके में की गई बमबारी

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के भारतीय वायुसेना ने मंगलवार तड़के पाक अधिकृत...
जानिए भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 विमान के बारे में, जिससे पीओके में की गई बमबारी

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के भारतीय वायुसेना ने मंगलवार तड़के पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जैश के ठिकानों पर जमकर बमबारी की। इस दौरान कई आतंकी कैंप के नष्ट होने की खबर है। भारतीय वायुसेना के 12 मिराज-2000 विमानों के समूह ने जैश के कैंप पर 1000 किलग्राम के बम गिराए।

जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना द्वारा सुबह 3.30 बजे 1000 किलो विस्फोटक पीओके आतंकी ठिकानों पर गिराया गया है। इस कार्रवाई के बाद सीमा के दोनों ओर तनाव बढ़ गया है और अब वायुसेना को अलर्ट पर रखा गया है। इस हमले के लिए एयरफोर्स द्वारा मिराज-2000 विमानों का चयन करना भी एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा था। तो आइए जानते हैं भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 विमान के बारे में सब कुछ, जिससे पीओके में की गई बमबारी-

मिराज फाइटर प्लेन क्या है

मिराज-2000 विमान वह शक्तिशाली लड़ाकू विमान है जो युद्ध के क्षेत्र में पलक झपकते ही दुश्मन देश की तस्वीर ही बदल सकती है। 

 

डसॉल्ट मीराज 2000 एक फ्रांसिसी लडाकू विमान है। इस विमान को वज्र नाम दिया गया। यह वायु सेना का प्राइमरी फाइटर प्लेन है। यह विमान दुश्मन के इलाके में लेजर गाइडेड बम से भी हमला करने में सक्षम है। इस समय भारतीय सेना के पास 51 मिराज विमान हैं। यह एक फ्रांसिसी लडाकू विमान है। यह विमान 1985 में भारतीय वायुसेना का हिस्सा बने थे। मिराज वही लड़ाकू विमान है जिसने करगिल जंग के दौरान पाकिस्तानियों के छक्के छुड़ाए थे।

यह विमान फ्रांस की कंपनी डसाल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया है

मिराज-2000 विमान फ्रांस की कंपनी डसाल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया है। यह वही कंपनी है जिसने राफेल को बनाया है जिसे लेकर भारतीय राजनीति आज भी गर्माई हुई है। फ्रांस की डसाल्ट एविएशन ने मिराज 2000 का निर्माण मिराज III को रिप्लेस करने के लिए किया था। इसका निर्माण एक हल्के फाइटर जेट के रूप में हुआ है।

कहां हुआ इसका निर्माण

पहली बार 1970 में उड़ान भरने वाला मिराज 2000 फ्रेंच मल्टीरोल, सिंगल इंजन चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है। ये फाइटर जेट विभिन्न देशों में सेवा दे रहा है। इस विमान को विभिन्न वेरिएंट के रूप में विकसित किया गया है। बाद में इस जेट का मिराज 2000 एन और मिराज 2000 डी स्क्राइक वेरिएंट भी जारी किया गया। विमान में समय समय पर विभिन्न बदलाव किए गए हैं।

मारक क्षमता

अब तक 600 मिराज 2000 विमानों का निर्माण हो चुका है और लगभग 9 देशों में ये सेवा दे रहे हैं। मिराज लड़ाकु विमान DEFA 554 ऑटोकैन से लैस है, जिसमें 30 मिमी रिवॉल्वर  प्रकार के तोप हैं। तोपों में 1200 से लेकर 1800 राउंड प्रति मिनट आग की दर है। अक्टूबर 1982 में भारत ने 36 सिंगल सीटर सिलेंडर मिराज 2000 एचएस और 4 ट्वीन सीटर मिराज 2000 टीएसएस का ऑर्डर दिया था। बदा दें कि इन दोनों नाम में 'एच' शब्द हिंदुस्तान को संबोधित करता है।

भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित लगभग 51 मिराज 2000 विमानों के एक बेड़े को उन्नत करने के लिए फ्रांस से 1.9 बिलियन डालर का समझौता किया गया है। जून 2011 में यह घोषणा की गई कि सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 के उन्नयन पर विचार करेगी। जिसके बाद यह समझौता किया गया था।

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