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कश्मीरी पंडित समुदाय ने मनाया बलिदान दिवस, प्रधानमंत्री से दोहराई कश्मीर में पुनर्वास की मांग

दिल्ली के बीचों-बीच स्थित बी.एल. गंजू पार्क में कश्मीरी पंडित समुदाय ने स्वतंत्रता के बाद से अब तक...
कश्मीरी पंडित समुदाय ने मनाया बलिदान दिवस, प्रधानमंत्री से दोहराई कश्मीर में पुनर्वास की मांग

दिल्ली के बीचों-बीच स्थित बी.एल. गंजू पार्क में कश्मीरी पंडित समुदाय ने स्वतंत्रता के बाद से अब तक आतंकवादियों के हाथों मारे गए कश्मीरी पंडित लोगों की याद में बलिदान दिवस मनाया। इस अवसर पर दुनिया भर में फैले कश्मीरी पंडित समुदाय के एक संगठन ‘ग्लोबल कश्मीरी पंडित्स’ के नेतृत्व में प्रधानमंत्री को एक मांग पत्र सौंपा जिसमें पंडित समुदाय ने कश्मीर में अपनी वापसी और पुनर्वास संबंधी मांगों को दोहराया।

कार्यक्रम में सभा को संबोधित करते हुए भारतीय थल सेना के पूर्व मेजर जनरल सुनील कुमार राजदान ने कहा कि लोकतंत्र में संख्या का सबसे ज्यादा मह्त्व होता है और उन्हीं की बात सुनी जाती है जो अपनी संख्या के बल पर सरकारों को प्रभावित कर सकते हैं। राजदान ने आगे कहा कि आज जरूरत है कि कश्मीरी पंडित समुदाय अपनी बौद्धिकता और ज्ञान से विरोधियों को जवाब देने के साथ-साथ राजनीति में सक्रीय भूमिका निभाए और हो सके तो राजनीतिक दल बनाकर अपना प्रभाव बढ़ाए। इतनी ही नहीं, राजदान ने आगे कहा कि कश्मीर की हस्तशिल्प कला पर सिर्फ कुछ लोगों का ही अधिपत्य क्यों रहे, बल्कि क्यों न पंडित समुदाय भी अपने हुनर के बल पर उन वस्तुएं के व्यापार में उतरे जो कश्मीर की पहचान हैं।

वहीं एक और कश्मीरी पंडित और भारतीय सेना में पूर्व कर्नल तेज के. टिक्कू ने देश सेवा में पंडितों की भूमिका का उत्लेख करते हुए कहा कि शेष भारत को कश्मीरी पंडितों द्वारा दिए गए बलिदान को नहीं भूलना चाहिए।

इस अवसर पर पीड़ित समुदाय के लोगों ने अपनी-अपनी आपबीती सुनाई। इसके अलावा बच्चों ने गीतों के माध्यम से अपनी खोई हुई कला-संस्कृति को याद करने की कोशिश की।

क्या हुआ था 14 सितंबर को
गौरतलब हो कि 29 वर्ष पहले कश्मीर में भाजपा नेता टिक्का लाल टपलू को 14 सितंबर 1989 को आतंकियों ने गोलियों से भून दिया था। इसके बाद जनवरी 1990 में हुए जनसंहार में हजारों कश्मीरी पंडित मारे गए और समुदाय के करीब 4 लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था। उसके बाद से यह समुदाए भारत के अन्य हिस्सों में निर्वासित जीवन जीने को मजबूर है।

कौन थे बी.के. गंजू जिनकी याद में दिल्ली में पार्क बनाया गया है?
बाल कृष्ण गंजू कश्मीर के दूरसंचार विभाग में काम करने वाले एक युवा इंजीनियर थे। इनकी 22 मार्च 1990 को जिहादी आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन्हीं की याद में दिल्ली में बीएसएनएल कॉलोनी में पार्क बनाया गया है।
 

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