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जस्टिस काटजू ने कहा- जाति आधारित आरक्षण भारत के लिए अभिशाप

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने सोशल मीडिया साइट के माध्यम से कहा कि देश में सभी प्रकार के जाति आधारित आरक्षण बंद होने चाहिए। उन्होंने इसे देश के लिए एक अभिशाप बताया है।
जस्टिस काटजू ने कहा- जाति आधारित आरक्षण भारत के लिए अभिशाप

प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया (पीसीआई) के चेयरमैन रहे जस्टिस काटजू ने सोमवार को अपने फ़ेसबुक वॉल पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें उन्होंने कहा कि जाति आधारित आरक्षण ने एससी और एसटी समुदाय को सबसे ज़्यादा नुक़सान पहुंचाया है। उन्होंने कहा, जाति व्यवस्था भारत के लिए अभिशाप है और यदि हमें प्रगति करनी है तो इसे ख़त्म किया जाना चाहिए।

फेसबुक पोस्ट में काटजू ने लिखा, मेरे विचार से जाति आधारित आरक्षण ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों को सबसे ज़्यादा नुक़सान पहुंचाया है क्योंकि इससे जाति व्यवस्था ख़त्म होने के बजाए और मज़बूत हुई है। उन्होंने लिखा कि यदि आरक्षण नहीं होता तो दलित आज के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा बेहतर स्थिति में होते।

गौरतलब है कि जस्टिस मार्कंडेय काटजू अपने बयानों के कारण कई बार विवादों में घिर चुके हैं। चाहे वो सनी लियोनी के पक्ष में बोलने की बात हो, मीडिया और सरकार के बीच चर्चा छेड़ने की बात हो या फिर सलमान रुश्दी पर राय देनी हो, जस्टिस काटजू अपनी बात रखने में नहीं हिचकिचाते हैं।

 

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