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जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया यूजर्स पर एफआईआर

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को विभिन्न लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सरकारी आदेशों की...
जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया यूजर्स पर एफआईआर

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को विभिन्न लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सरकारी आदेशों की अवहेलना करने का मामला दर्ज किया है। केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने 14 जनवरी को एक आदेश जारी कर सभी सोशल मीडिया साइटों पर गलत सूचनाओं और अफवाहों को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाया था।

पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “सोशल मीडिया के दुरुपयोग को गंभीरता से लेते हुए, कश्मीर के साइबर पुलिस स्टेशन ने विभिन्न सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिन्होंने सरकारी आदेशों की अवहेलना की है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग किया है।"

सोशल मीडिया पसंदीदा औजार

उन्होंने आगे कहा, "उपद्रवियों द्वारा सोशल मीडिया साइटों के दुरुपयोग की लगातार रिपोर्टें आ रही हैं। वे इसका इस्तेमाल अलगाववादी विचारधारा का प्रचार और गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा दोने के लिए कर रहे हैं।" प्रवक्ता ने कहा कि सोशल मीडिया उनका "पसंदीदा औजार" है क्योंकि यह यूजर को काफी हद तक गुमनामी प्रदान करता है और व्यापक पहुंच भी देता है।

वीपीएन का करते हैं इस्तेमाल

उन्होंने कहा कि एफआईआर विभिन्न 'वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क' (वीपीएन) का इस्तेमाल कर उपद्रवियों द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट  पर संज्ञान लेने के बाद दर्ज की गई है। प्रवक्ता ने कहा कि उपद्रवी कश्मीर घाटी के मौजूदा सुरक्षा हालात के संबंध में अफवाह फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये पोस्ट "अलगाववादी विचारधारा का प्रचार और आतंकवादी कृत्यों और आतंकवादियों का महिमामंडन कर रहे हैं"। इस संबंध में आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है। इस संबंध में सरकार की एक अधिसूचना अस्तित्व में आने के बाद श्रीनगर में साइबर पुलिस स्टेशन (कश्मीर क्षेत्र) में यह पहली प्राथमिकी दर्ज की गई है।

कश्मीर में सिर्फ कुछ वेबसाइट के इस्तेमाल की अनुमति

जम्मू कश्मीर में 6 महीने के इंटरनेट पाबंदी के बाद सरकार ने इसमें ढील दी थी। मगर लोग सिर्फ कुछ वेबसाइट को ही देख सकते हैं। सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगाया हुआ है। 14 फरवरी को इस बारे में आदेश जारी करते हुए सरकार ने सभी सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगा दिया था। सरकार का कहना था कि घाटी में सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाकर अलगाववादी ताकतें माहौल को ठीक नहीं होने देना चाहती।

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