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चीन से बिजली उपकरणों के आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी: आरके सिंह

भारत सरकार ने चीन से बिजली उपकरण आयात नहीं करने का निर्णय लिया है। चीन ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान से भी अब...
चीन से बिजली उपकरणों के आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी: आरके सिंह

भारत सरकार ने चीन से बिजली उपकरण आयात नहीं करने का निर्णय लिया है। चीन ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान से भी अब भारत कोई बिजली उपकरण नहीं खरीदेगा। बिजली मंत्री आर के सिंह ने शुक्रवार को यह ऐलान किया है।  

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आर के सिंह ने कहा कि चीन और पाकिस्तान से उपकरणों के आयात को विशेष रूप से निरीक्षण के आधार पर इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के डिस्कॉम्स को चीनी कंपनियों को उपकरण की सप्लाई के आदेश नहीं देने चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रायर रेफरेंस कंट्री (पूर्व संदर्भित देशों) से उपकरणों की आयात की अनुमति नहीं होगी। इसके तहत हम देशों की सूची तैयार कर रहे हैं लेकिन इसमें मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान शामिल हैं।’’ ‘प्रायर रेफरेंस कंट्री’ की श्रेणी में उन्हें रखा जाता है जिनसे भारत को खतरा है या खतरे की आशंका है। मुख्य रूप से इसमें वे देश हैं जिनकी सीमाएं भारतीय सीमा से लगती हैं। इसमें मुख्य रूप से पाकिस्तान और चीन हैं। उन्होंने राज्यों से भी इस दिशा में कदम उठाने को कहा। सिंह ने यह बात ऐसे समय कही जब हाल में लद्दाख में सीमा विवाद के बीच भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गये। 
शुक्रवार सुबह राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा, 'हम अपने देश में सभी चीजों का उत्पादन करते हैं। भारत 71,000 करोड़ रुपये के बिजली उपकरण आयात करता है, जिसमें 21,000 करोड़ के उपकरण चीन से आते हैं।'

उन्होंने आगे कहा, 'हम चीन और पाकिस्तान से आयात की इजाजत नहीं देंगे। हम प्रभावित हैं। उन उपकरणों में मैलवेयर वगैरह हो सकता है, जिसे वे हमारे पावर सिस्टम को नुकसान पहुंचाने के लिए दूर से ही सक्रिय कर सकते हैं।'

मैलवेयर ऐसा साफ्टवेयर या प्रोग्राम होता है जिससे फाइल या संबंधित उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं ट्रोजन होर्स मैलवेयर सॉफ्टवेयर है जो देखने में तो उपयुक्त लगेगा लेकिन यह कंप्यूटर या दूसरे सॉफ्टवेयर को नुकसान पहुंचा सकता है। बिजली क्षेत्र में सुधारों का खाका रखते हुए उन्होंने कहा कि वितरण कंपनियां जबतक आर्थिक रूप से सुदृढ़ नहीं होंगी, तबतक यह क्षेत्र व्यावहारिक नहीं होगा। 

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