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अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 60 लाख करोड़ के विदेशी निवेश की जरूरत: नितिन गडकरी

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से...
अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 60 लाख करोड़ के विदेशी निवेश की जरूरत: नितिन गडकरी

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए भारत को 50 से 60 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए इस निवेश का इस्तेमाल किया जा सकता है।

गडकरी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस समय एफडीआई की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा इस तरह के फंड से देश को लाभ होगा क्योंकि बाजार में लिक्विडिटी में पम्पिंग की आवश्यकता है। ये बातें उन्होंने  समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) को दिए एक साक्षात्कार में कही है।

इन क्षेत्रों में निवेश की आवश्यकता

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एमएसएमई, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और बैंकों में एफडीआई की आवश्यकता है। केंद्र सरकार इन क्षेत्रों के अलावा राजमार्ग क्षेत्र में विदेशी निवेश लाने की कोशिश कर रही हैं। गडकरी ने आगे यह भी कहा कि एमएसएमई सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए दुबई और अमेरिका के निवेशकों के साथ बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि कुछ एमएसएमई पहले से ही बीएसई में सूचीबद्ध हैं। तीन साल के टर्नओवर, जीएसटी ट्रैक रिकॉर्ड, आईटी रिकॉर्ड और अच्छी रेटिंग के आधार पर एमएसएमई में निवेश के लिए दुबई और अमेरिका के निवेशकों से बात की गई है। 

'आयातों पर निर्भरता कम और निर्यात बढ़ाने पर जोर'

साक्षत्कार में गडकरी ने कहा, "हमें विकास को बढ़ाने के लिए अपनी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रधान मंत्री का जोर आयातों पर निर्भरता कम करने और निर्यात को बढ़ाने पर भी है। .ेएसे में, निर्यात इस बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।" इसके अलावा, गडकरी ने कहा कि सार्वजनिक निजी भागीदारी भी बड़ी मात्रा में धनराशि का उपयोग करने में मदद कर सकती है और अधिक रोजगार पैदा करके अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा दिया जा सकता है। जिसका व्यापक प्रभाव होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी 22 ग्रीन राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें एक लाख करोड़ रुपए से निर्माण किया जा रहा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भी शामिल है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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