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हाथरस गैंगरेप: अब आरोपियों की ब्रेन फिंगर प्रीटिंग, जाने कैसे सामने आती है सच्चाई

बीते शनिवार 21 नवंबर को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की एक टीम हाथरस गैंगरेप मामले में आरोपित चारो...
हाथरस गैंगरेप: अब आरोपियों की ब्रेन फिंगर प्रीटिंग, जाने कैसे सामने आती है सच्चाई

बीते शनिवार 21 नवंबर को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की एक टीम हाथरस गैंगरेप मामले में आरोपित चारो आरोपियों को लेकर गुजरात के गांधीनगर पहुंची। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक गांधीनगर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में चारों आरोपियों का ब्रेन इलेक्ट्रॉनिक ऑसिलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग (बीईओएसपी) यानी ब्रेन फिंगर प्रीटिंग कराया जाएगा। इससे पहले सोमवार को चारों का मेडिकल टेस्ट कराया गया ताकि इस बात की पुष्टि हो सके की ये सभी शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं या नहीं।

जानते हैं कि बीईओएसपी से कैसे मामले में आती है सच्चाई...और इसे कैसे पूरा किया जाता है।

ब्रेन इलेक्ट्रिकल ऑसिलेशन सिग्नेचर प्रोफाइलिंग को ब्रेन फिंगर प्रिंटिंग के रूप में भी जाना जाता है। पूछताछ का यह एक न्यूरो मनोवैज्ञानिक तरीका है जिसमें अपराधियों की अपराध की जांच उनके मस्तिष्क की प्रतिक्रिया को अध्ययन कर की जाती है। 

इस बात को भी हम जानते हैं कि अपराध से जुड़े मामलों में अपराधी अकसर झूठ बोलता है। वो गुनाह कबूल करने से बचते हैं। इसके लिए नार्कों और पॉलीग्राफ जैसे कई अन्य टेस्टों का सहारा लेना पड़ता है। अब बीईओएसपी टेस्ट ईईजी (इलेक्ट्रोएंसेफलोग्राम) तकनीकी है। इसमें इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल इंपल्स को हटाकर किसी अपराध में एक संदिग्ध की भागीदारी का पता लगाया जाता है।

एक्सप्रेस के मुताबिक 1974 में गुजरात के गांधीनगर में स्थापित एफएसएल फॉरेंसिक विज्ञान और तकनीकी जांच के लिए भारत की प्रमुख प्रयोगशाला है। एफएसएल में कुल 1100 कर्मचारी हैं और संदिग्ध डिटेक्शन सिस्टम, कंप्यूटर फोरेंसिक, नार्को टेस्ट के अलावा कई सेवाएं प्रदान करता है। गुजरात के 33 जिलों में से प्रत्येक के पास अपनी स्वयं की एक फॉरेंसिक वैन है जिसमें फॉरेंसिक विशेषज्ञ होते हैं। अपराध के नमूने एकत्र करते हैं और उन्हें गांधीनगर स्थित एफएसएल को ट्रांसफर किया जाता हैं।

पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। दलित युवती के साथ 14 सितंबर को गैंगरेप की घटना हुई थी। घटना के बाद पीड़िता को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। जिसके बाद उसे दिल्ली रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई। जिसमें चार नामजद आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। अभी चारों आरोपी जेल में है। फिलहाल मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

 

 

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