Advertisement

5,911 में से 104 गंभीर सांस रोगी मिले कोरोना पॉजिटिव, 40% मरीजों का नहीं है यात्रा इतिहास

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 15 फरवरी से 2...
5,911 में से 104 गंभीर सांस रोगी मिले कोरोना पॉजिटिव, 40% मरीजों का नहीं है यात्रा इतिहास

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 15 फरवरी से 2 अप्रैल तक देश के 20 राज्यों के 52 जिलों में 5,911 में से 104 गंभीर सांस रोगी (SARI) कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें ज्यादात्तर मरीजों की आयु 50 वर्ष से ऊपर है और पुरुषों की संख्या अधिक है। वहीं, 15 राज्यों के 36 जिलों में 104 मरीजों में से 39.2 फीसदी संक्रमित मरीजों की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली है। न तो ये विदेश से आने वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और न ही संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हैं।

इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कुल 5,911 रोगियों में से (104) 1.8 प्रतिशत कोविड-19 के पॉजिटिव पाए गए। ये मामले 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 52 जिलों से सामने आए थे।
39.2 प्रतिशत कोविड-19 मामलों में कोई यात्रा इतिहास नहीं है। न ही किसी ज्ञात मामले के साथ संपर्क है। 59 फीसदी मामलों में एक्सपोजर हिस्ट्री का डेटा उपलब्ध नहीं था।

SARI रोगियों की निगरानी की ज़रूरत

ICMR ने अपने अध्ययन में यह उजागर किया कि SARI रोगियों के बीच सकारात्मक मामलों की रिपोर्ट करने वाले जिलों में कोविड-19 रोकथाम गतिविधियों को लक्षित करने की आवश्यकता है। इसमें कहा गया कि SARI रोगियों के बीच कोविड -19 के लिए निगरानी तेज करना प्रभावी ढंग से रोकथाम और शमन की ओर संसाधनों का उपयोग करने के लिए एक कुशल कदम हो सकता है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कहा, SARI रोगियों के बीच निगरानी कोविड-19 के प्रसार की पहचान करने में मदद कर सकती है।  SARI निगरानी की शुरुआत भारत में वोविड-19 प्रकोप के शुरुआती चरण में हुई थी।
भारत में, प्रारंभिक कोविड-19 परीक्षण रणनीति में ऐसे लोग शामिल थे, जिनके पास लक्षणों के साथ अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास था। इसके अलावा, प्रारंभिक चरण में महामारी की प्रगति को ट्रैक करने के लिए, 15 फरवरी से अस्पताल में भर्ती SARI रोगियों के संग्रहित नमूनों को वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी नेटवर्क (VRDLN) के तहत कोविड-19 के लिए भी परीक्षण किया गया था।

अस्पतालों में भर्ती गंभीर श्वसन रोगियों की जांच के दिए गए थे निर्देश

दरअसल मार्च के पहले सप्ताह में कोरोना वायरस को लेकर आईसीएमआर ने अपने लैब में कुछ रैडम सैंपलिंग की थी, जिसमें एक हजार सैंपल की जांच के बाद एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला था। इसके बाद 20 मार्च को टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अस्पतालों में भर्ती गंभीर श्वास रोगियों की जांच कराने के निर्देश दिए गए। 15 से 29 फरवरी तक की गई 965 गंभीर सांस रोगियोंं की जांच में से दो मरीज पॉजिटिव मिले लेकिन जब टेस्टिंग प्रक्रिया में बदलाव हुआ तो देश भर के अस्पतालों में भर्ती 4,946 सैंपल की जांच हुई जिसमें से 102 सैंपल पॉजिटिव मिले। इसी के अनुसार देश में गंभीर सांस के 5,911 रोगियों में से 104 सैंपल पॉजीटिव मिले हैं। अध्ययन में इन मरीजों की आयु औसतन 44 से 63 वर्ष के बीच बताई गई है। वहीं, 83.3 फीसदी मरीज पुरुष हैं।

किन राज्यों में कितने मामले

अध्ययन के अनुसार गुजरात से 792, तमिलनाडू से 577, महाराष्ट 553 और केरल से 502 गंभीर श्वास रोगियों के सैंपल जांचे गए थे। महाराष्ट के आठ, पश्चिम बंगाल के छह और तमिलनाडू व दिल्ली के पांच जिलों में भर्ती मरीजों में संक्रमित मिले हैं। 104 संक्रमित मरीजों में एक मरीज हाल ही में विदेश यात्रा करके वापस लौटा था। जबकि दो मरीज संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से पॉजिटिव हुए। जबकि 40 मरीजों में संक्रमण न तो विदेश से आए किसी व्यक्ति से आया और न ही किसी के संपर्क में आने से आया।


अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement