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क्या भारत में आ गई है कोविड की तीसरी लहर? जानें डब्ल्यूएचओ की एक्सपर्ट ने क्या कहा

देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ...
क्या भारत में आ गई है कोविड की तीसरी लहर? जानें डब्ल्यूएचओ की एक्सपर्ट ने क्या कहा

देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने इससे जुड़ी कई सारी जानकारियां लोगों के साथ साझा की है। डॉ. सौम्या ने ओमिक्रोन वेरिएंट से संबंधित तीन पहलू सभी के सामने रखे हैं।

एनडीटीवी की खबर के अनुसार डॉ. सौम्या ने कहा की पहली बात यह ज्यादा संक्रामक है। डेल्टा वेरिएंट की तुलना में यह करीब चार गुना ज्यादा फैल रहा है। इस स्थिति में लोगों को ज्यादा सावधानी रखने की आवश्यकता है। दूसरी बात जिसे उत्साहवर्धन माना जा सकता है। वो ये है कि इस वेरिएंट के चलते लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं। डेल्टा के चलते जहां ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही थी वहीं ओमिक्रोन में ऐसा नहीं है। ओमिक्रोन से प्रभावित 100 में से केवल 5 लोगों को ही हॉस्पिटल में एडमिट होने की नौबत आ रही और इन पांच लोगों में भी लक्षण कम हैं।

सौम्या ने बताया कि तीसरा पहलू यह कि हम ओमिक्रोन संस्करण पर कोरोना टीकाकरण का असर दिख रहा है। वैक्सीन बीमार होने से तो बचा रही है। भले ही यह संक्रमित होने से नहीं बचाती, लेकिन बीमार होने से बचाती है। इस स्थिति में जिन्होंने वैक्सीन की डोज नहीं ली है वे जल्द लगवाएं यह इस वेरिएंट से सुरक्षा प्रदान करेगा। इसके अलावा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग भी आवश्यक है।

एक दूसरे सवाल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट ने माना कि जीनोम स्वीक्वेंसिंग का रिजल्ट आने में समय लगता है। जितने अधिक टेस्ट किए जाएंगे उतने ही मामलों की संख्या बढ़ेगी। जिस देश में टेस्टिंग ज्यादा हो रही है वहां केस ज्यादा आ रहे हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग का ट्रेंड हम देख सकते हैं। हर मामले की जीनोम सीक्वेंसिंग की जरूरत नहीं है। वायरस तो वही है और इसके प्रिवेशन मैथर्ड्स भी वहीं है। इसे लेकर दवाएं भी ढूंढी गई हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए। जिस प्रकार से सरकार ने कहा कि पैनिक न करें और जो उपाय पता हैं, उन्हें आजमाएं। जैसे- मास्क पहने, बीमार हैं तो घर में रहे और भीड़भाड़ में न जाएं।

देश में तीसरी लहर को लेकर डॉ. सौम्या ने कहा कि इस बारे में आने वाले कुछ दिनों में पता लगेगा, लेकिन दूसरे देशों को देखें तो कहा जा सकता है कि हमें तैयारी करके रखनी होगी।

भारत में वैक्सीनेशन के सावल पर उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट करना अच्छा टूल है। अगल-अलग वैक्सीन बने यह अच्छी बात है। ऐसे लोग जिनके संक्रमण की जद में आने की ज्यादा आशंका है, उनका टीकाकरण करना होगा। जल्द से जल्द दूसरी डोज देना और उम्रदराज लोगों को बूस्टर डोज पर भी ध्यान देना आवश्यक है।

कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि अभी डेल्टा वेरिएंट भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। यदि कोरोना के कारण बहुत ज्यादा संक्रमित हुए तो हेल्थ स्ट्रक्चर पर बोझ पड़ सकता है। हमें इसके लिए तैयारी करके रखनी होगी।

 

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