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हेमंत करकरे वाले बयान से पलटीं साध्वी प्रज्ञा, मांगी माफी

  भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार शाम अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी और कहा कि वह...
हेमंत करकरे वाले बयान से पलटीं साध्वी प्रज्ञा, मांगी माफी

भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार शाम अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी और कहा कि वह अपना बयान वापस लेती हैं। साध्वी के बयान की चौतरफा निंदा हुई थी।

2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी और भोपाल में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि मुंबई के पूर्व आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) चीफ हेमंत करकरे अपनी जिंदगी से हार गए क्योंकि उसने उन्हें शाप दिया था।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रज्ञा ने कहा था, "मैंने हेमंत करकरे को फोन किया और उनसे पूछा कि अगर कोई सबूत नहीं है तो मुझे जाने दिया जाए। उन्होंने (करकरे) कहा कि वह सबूत लाएंगे, लेकिन मुझे नहीं छोड़ेंगे। मैंने उनसे कहा- आप बर्बाद हो जाएंगे।"

नवंबर 2008 में मुंबई में 26/11 के हमलों के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए करकरे की दो अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मौत हो गई थी।

हेमंत करकरे जिस केस में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं, उस मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच इनके पास ही थी। 1982 में वो आईपीएस अधिकारी बने, महाराष्ट्र के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर के बाद इनको एटीएस चीफ बनाया गया था। 26 नवंबर 2009 में भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था।

क्या है मालेगांव मामला

प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव विस्फोट मामले में मुकदमे का सामना करने वाले सात आरोपियों में शामिल हैं। 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मोटरसाइकिल पर रखे बम में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और एक दर्जन अन्य घायल हो गए थे।

उन्हें 2008 में गिरफ्तार किया गया था लेकिन सबूतों के अभाव में 2015 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा उसे क्लीन चिट दे दी गई थी। ट्रायल कोर्ट ने उसे यह कहकर मना कर दिया कि ब्लास्ट में उसकी मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया जाना मुश्किल है।

ठाकुर को महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट के तहत आरोपों से मुक्त कर दिया गया था और 2017 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत अभियुक्त बनी हुई हैं।

दिग्विजय के खिलाफ भाजपा का चेहरा

बुधवार को, वह औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गईं और भोपाल संसदीय क्षेत्र से दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी। कई विपक्षी नेताओं ने लोकसभा चुनाव में एक आतंकी आरोपी को मैदान में उतारने के लिए भाजपा की खिंचाई की।

कांग्रेस की साजिश के कारण मिली सजा

ठाकुर ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा, "कांग्रेस की साजिश के कारण 10 साल जेल में बिताने के बाद, मैं यहां राजनीतिक और धार्मिक युद्ध लड़ने आई हूं।" उनके 23 अप्रैल को भोपाल से नामांकन दाखिल करने की उम्मीद है। भोपाल में 12 मई को मतदान होगा। मतों की गिनती 23 मई को होगी।

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