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सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला पहला राज्य बना गुजरात

गुजरात में सोमवार से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा और नौकरियों में 10 प्रतिशत...
सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला पहला राज्य बना गुजरात

गुजरात में सोमवार से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा और नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलना शुरू हो जाएगा। इसी के साथ केंद्र सरकार द्वारा पारित सवर्ण आरक्षण को लागू करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, गुजरात सरकार ने घोषणा की है कि वह सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षा में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण व्यवस्था को आज से लागू करेगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को 10 फीसदी आरक्षण दिलाने वाले संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दे दी है।

14 जनवरी से पहले शुरू हो चुके दाखिला प्रक्रिया-परीक्षा या साक्षात्कार में प्रभावी नहीं

प्रदेश सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा, “14 जनवरी को उत्तरायण शुरू होने के साथ सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।” इसमें कहा गया कि आरक्षण की नई व्यवस्था उन दाखिलों और नौकरियों के लिये भी प्रभावी होगी जिनके लिये विज्ञापन 14 जनवरी से पहले जारी हुआ हो लेकिन वास्तविक प्रक्रिया शुरू न हुई  हो। ऐसे मामलों में दाखिला प्रक्रिया और नौकरियों के लिये नए सिरे से घोषणाएं की जाएंगी। विज्ञप्ति में कहा गया कि भर्ती या दाखिला प्रक्रिया-परीक्षा या साक्षात्कार- 14 जनवरी से पहले शुरू हो चुके हैं तो 10 फीसदी आरक्षण लागू नहीं होगा।

संसद में चली लंबी बहस, फिर पास हुआ यह बिल

सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 जनवरी को मुहर लगाई जिसके बाद आरक्षण व्यवस्था को लागू करने के लिए 8 जनवरी को लोकसभा में संविधान का 124वां संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया था। लंबी बहस के बाद यह विधेयक लोकसभा में पास हो गया। इसके अगले दिन राज्यसभा में इस संशोधन विधेयक को पेश किया गया और लंबी बहस के बाद यहां भी पास कर दिया गया। दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति कोविंद के पास भेजा गया। जहां राष्ट्रपति कोविंद ने भी बिल पर हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी दे दी।

49.5 फीसदी आरक्षण से अलग होगा

यह आरक्षण अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को मिलने वाले 49.5 फीसदी आरक्षण से अलग होगा।

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