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जम्मू कश्मीर में नेताओं को नजरबंदी से राहत देने के संकेत, फोन पर राहत धीरे-धीरेः मुख्य सचिव

सरकार ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य का विभाजन किए जाने से पहले नजरबंद किए गए नेताओं...
जम्मू कश्मीर में नेताओं को नजरबंदी से राहत देने के संकेत, फोन पर राहत धीरे-धीरेः मुख्य सचिव

सरकार ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य का विभाजन किए जाने से पहले नजरबंद किए गए नेताओं को पाबंदियों से राहत देने के संकेत दिए हैं। राज्य के मुख्य सचव बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम ने इस बात के संकेत देते हुए कहा कि अगले कुछ दिनों में पूरे राज्य में हालात सामान्य हो जाएंगे।

तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित कई नेता है नजरबंद

मुख्य सचिव ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि नजरबंदियों की समीक्षा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा दूसरे कई नेताओं को नजरबंद किया गया है। इन सभी नेताओं को जम्मू कश्मीर के बारे में अहम फैसलों से पहले ही नजरबंद किया गया था। तभी से उन पर पाबंदियां लगी हैं।

कुछ दिनों में हालात पूरी तरह सामान्य होंगे

सुब्रह्मण्यम ने कहा कि राज्य अगले कुछ दिनों में हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे। कानून व्यवस्था की स्थिति तेजी से सुधर रही है। राज्य के 12 जिलों में हालात सामान्य हो चुके हैं। बाकी पांच जिलों में अभी कुछ पाबंदियां लगी हैं। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद हटने के बाद पिछले 12 दिनों में कोई जान नहीं गई है। कोई व्यक्ति गंभीर रूप से घायल भी नहीं हुआ है।

कार्यालय खुले, स्कूल सोमवार से खुलेंगे

फोन और मोबाइल सेवाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे स्थिति सुधर रही है, राज्य में संचार सेवाओं पर लगी पाबंदियों में धीरे-धीरे राहत दी जाएगी। राज्य में सरकारी कार्यालय शुक्रवार से खुल गए हैं। पूरे राज्य में स्कूल अगले सोमवार से खुलने लगेंगे। हालांकि स्कूल पूरे राज्य एक साथ खोलने के बजाय विभिन्न क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति के अनुसार खोले जाएंगे।

विकास रोकने के लिए आतंकी हमले

सुब्रह्मण्यम ने कहा कि आतंकी संगठन राज्य में माहौल बिगाड़ना चाहते हैं। वे राज्य में विकास का रास्ता बाधित करना चाहते हैं। इसी उद्देश्य से राज्य में हमले करते हैं। ताकि पूरे राज्य में भय का माहौल बना रहे और विकास का कोई काम नहीं होने पाए।

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