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सुषमा स्वराज पंचतत्व में विलीन, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सुषमा स्वराज पंचतत्व में...
सुषमा स्वराज पंचतत्व में विलीन, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सुषमा स्वराज पंचतत्व में विलीन हो गईं। उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनकी बेटी बांसुरी ने उन्हें मुखाग्नि दी। लोधी रोड के शवदाह गृह में अंतिम विदाई के वक्त सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल और उनकी बेटी बांसुरी स्वराज काफी भावुक हो गए और उन्होंने सुषमा को सलाम भी किया। सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। 67 वर्षीय सुषमा के निधन पर देश और दुनिया के राजनेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया। सभी ने स्वराज को कुशल राजनेता, प्रभावी वक्ता और संवेदनशील इंसान बताया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. भाजपा अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहीद, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने सुषमा स्वराज के निधन पर कहा कि भारतीय राजनीति के एक गौरवपूर्ण अध्याय का अंत हो गया। गरीबों और समाज के लिए जीवन देने वाली अद्वितीय नेता के निधन पर पूरा भारत दुखी है। सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की अकेली इंसान थीं। वे करोड़ों लोगों की प्रेरणा का स्रोत थीं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने लिखा कि सुषमा का जाना देश के लिए एक बड़ी क्षति है, साथ ही व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए एक बड़ी क्षति है।

बहुजन समाज पार्टी  प्रमुख मायावती ने भी नई दिल्ली में सुषमा स्वराज के आवास पर पहुंच उन्हें श्रद्धांजलि दी। मायावती ने सुषमा के पति स्वराज कौल से मुलाकात भी की। उन्होंने कहा कि सुषमा जी के निधन से उन्हें काफी दुख पहुंचा है। वह एक शानदार नेता और प्रवक्ता थीं।

#तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें: सुषमा के अंतिम दर्शन कर भावुक हुए पीएम मोदी और आडवाणी सहित ये नेता-

दिल्ली में दो दिन का शोक

दिल्ली सरकार ने सुषमा स्वराज के निधन पर दो दिन का राजकीय शोक का ऐलान किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस निर्णय की घोषणा की।

राहुल गांधी ने कहा- महान वक्ता थीं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है और कहा है कि वह एक बेहतरीन नेता, महान वक्ता थीं जिनकी दोस्ती पार्टी लाइन से आगे की थी।

हामिद करजई ने व्यक्त किया शोक

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने 'बहिनजी' सुषमा स्वराज के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वह कद्दावर नेता और महान वक्ता थीं। करजई ने भारत और स्वराज के परिवार के प्रति सहनुभूति जताई है। वहीं अफगानिस्तान के विदेश मंत्री एस रब्बानी ने कहा कि वह भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अचानक निधन से दुखी हैं। उन्होंने भारतीयों और भारत सरकार के साथ सहानुभूति प्रकट करते हुए स्वराज को विशिष्ट और दृढ़निश्चयी बताया।

'गुड फ्रेंड' के निधन से दुखी हैं मालदीव के विदेश मंत्री

मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने भी स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह 'गुड फ्रेंड' के निधन से बहुत दुखी हैं। उन्होंने स्वराज को असाधारण डिप्लोमैट बताया और कहा कि वह भारत-मालदीव की मैत्री की शिल्पकार थीं। पड़ोसी देश नेपाल के सीएम केपी शर्मा ओली ने भी सुषमा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व विदेश मंत्री के निधन की खबर से उन्हें गहरा सदमा लगा है। उन्होंने भारत के लोगों और सुषमा के परिवार के साथ सहानुभूति जताई है।

निधन से पहले किया ये आखिरी ट्वीट

सुषमा ने अपने अंतिम ट्वीट में कश्मीर पर सरकार के कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी. उन्होंने ट्वीट किया था, “प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन। मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।”

राजनीतिक जीवन

सुषमा स्वराज ने सबसे पहला चुनाव 1977 में लड़ा। तब वे 25 साल की थीं। वे हरियाणा की अंबाला सीट से चुनाव जीतकर देश की सबसे युवा विधायक बनीं। उन्हें हरियाणा की देवीलाल सरकार में मंत्री भी बनाया गया। इस तरह वे किसी राज्य की सबसे युवा मंत्री रहीं।

नब्बे के दशक में सुषमा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं। अटलजी की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। 1998 में उन्होंने अटलजी की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई। पार्टी की हार के बाद सुषमा ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और राष्ट्रीय राजनीति में लौट आईं।

1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं। इसके बाद 13 दिन की अटलजी की सरकार में उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया। मार्च 1998 में दूसरी बार अटलजी की सरकार बनने पर वे एक फिर से आईबी मिनिस्टर बनीं। 1999 में उन्होंने बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वे यहां हार गईं।

सुषमा 2009 और 2014 में विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतीं। 2014 से 2019 तक वे विदेश मंत्री रहीं और दुनियाभर में भारतीयों को उन्होंने एक ट्वीट पर मदद मुहैया कराई। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। भाजपा की जीत के बाद मन जा रहा था कि वे दोबारा विदेश मंत्री बनेंगी, लेकिन उन्होंने खराब सेहत के चलते मंत्री पद नहीं लिया।

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