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किसानों को मना पाएगा केंद्र? किसान नेताओं-मोदी सरकार के बीच बातचीत शुरू

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरुद्ध आज छठवें दिन भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। ऐसे में अब...
किसानों को मना पाएगा केंद्र? किसान नेताओं-मोदी सरकार के बीच बातचीत शुरू

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरुद्ध आज छठवें दिन भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। ऐसे में अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार और किसानों के बीच इस गतिरोध को खत्म करने का एक प्रयास किया है। आज किसानों और सरकार के बीच बातचीत हो रही है।  इसके लिए 32 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को न्योता दिया गया है, ये प्रतिनिधि बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं। जानकारी के मुताबिक किसानों के साथ बातचीत की जिम्मेदारी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को दी गई है। इस प्रकार केंद्र सरकार की ओर से किसानों को मनाने की कवायद तेज हो गई है।

बता दें कि कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 32 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को पत्र लिख कर एक दिसंबर को चर्चा के लिये आमंत्रित किया था। अग्रवाल ने जिन संगठनों को पत्र लिखा है उनमें क्रांतिकारी किसान यूनियन, जम्मुहारी किसान सभा, भारतीाय किसान सभा (दकुदा), कुल हिंद किसान सभा और पंजाब किसान यूनियन शामिल हैं।

वहीं किसान नेताओं से बातचीत से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में एक बैठक हुई। यह बैठक आज सुबह 10.30 बजे बीजेपी अध्ययक्ष जेपी नड्डा के घर पर शुरू हुई । जानकारी के अनुसार इस बैठक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राजनाथ सिंह भी शामिल हुए। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में किसानों के मुद्दे पर मंथन किया गया। 

इससे पहले तोमर ने कहा था कि सरकार किसानों से बातचीत कर समस्या का समाधान करना चाहती है। किसानों की समस्याओं को लेकर मोदी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से खड़ी है। पिछले छह साल के दौरान कृषि और किसानों की आय बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में भ्रम हुआ है। पहले भी किसानों के साथ दो दौर की वार्ता हुई है। कृषि सचिव ने 14 अक्टूबर को बातचीत की थी जबकि 13 नवंबर को कृषि मंत्री तथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने किसान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी।

दरअसल, कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान संगठन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच गए हैं और पिछले कई दिनों से कई प्रमुख सड़कों को जाम किए हुए हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने पहले किसान नेताओं को सड़क जाम समाप्त कर बुराड़ी मैदान में आकर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का प्रस्ताव दिया था और कहा था कि इस व्यवस्था के लागू होने पर अगले ही दिन किसानों के साथ बातचीत की जाएगी।

किसान संगठनों ने सरकार के सशर्त बातचीत के प्रस्ताव को कल ठुकरा दिया था और लंबे समय तक आंदोलन चलाने का संकेत दिया था। आंदोलन की अगुआई पंजाब के किसान कर रहे हैं जबकि अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हो गए हैं।

 

 

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