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प्रधानमंत्री मोदी के बालाकोट हमले के बयान पर चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट

चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बालाकोट हमले के बयान पर संज्ञान लिया है। पीएम मोदी ने...
प्रधानमंत्री मोदी के बालाकोट हमले के बयान पर चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट

चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बालाकोट हमले के बयान पर संज्ञान लिया है। पीएम मोदी ने पहली बार मतदान करने वालों से कहा है कि अपना वोट उन्हें समर्पित करें जिन्होंने बालाकोट हवाई हमले को अंजाम दिया। आयोग ने महाराष्ट्र में चुनाव अधिकारियों से इस पर रिपोर्ट मांगी है। पीएम मोदी के बयान पर विपक्ष दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चुनाव आयोग के सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी से जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। विपक्षी पार्टियों की शिकायत के बाद देर रात चुनाव आयोग ने इस पर ऐक्शन लिया। विपक्षी दलों ने एयर स्ट्राइक और शहादत का चुनावी फायदे के लिए राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने बयान के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।

मोदी ने दिया था ये बयान?

महाराष्ट्र के लातूर के औसा में रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘क्या आप अपना पहला वोट उन लोगों को समर्पित कर सकते हैं जिन्होंने हवाई हमले किए।’’

मोदी ने कहा, ‘‘मैं पहली बार मतदान करने वालों से कहना चाहता हूं : क्या आपका पहला वोट वीर जवानों को समर्पित हो सकता है जिन्होंने हवाई हमले किए (पाकिस्तान के अंदर)? क्या आपका पहला वोट पुलवामा (आतंकवादी हमले) के शहीदों को समर्पित हो सकता है?’’

विपक्ष का हमला

मोदी के इस बयान पर विपक्ष ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पीएम मोदी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पहली बार मतदान करनेवाले युवाओं को बेवकूफ समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा था, 'हर कोई जानता है कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसा कर रहे हैं। यह दुखद है कि चुनाव आयोग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।'

वहीं सीपीएम के नीलोत्पल बसु ने बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनाव आयोग को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। भविष्य में चुनाव प्रचार को ध्रुवीकरण की दिशा में रोकने के लिए यह जरूरी है।

सशस्त्र बलों की गतिविधियों का प्रचार में ना करें इस्तेमाल

चुनाव आयोग द्वारा पिछले महीने जारी परामर्श के सिलसिले में यह रिपोर्ट मांगी गई है। गौरतलब है कि आयोग ने पिछले महीने परामर्श जारी कर राजनीतिक दलों से सशस्त्र बलों की गतिविधियों का चुनावी प्रचार में इस्तेमाल करने से परहेज करने के लिए कहा था।

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