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चुनाव आयोग ने वर्धा भाषण मुद्दे पर पीएम मोदी को दी क्लीन चिट

चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्धा में दिये उनके भाषण के लिए मंगलवार को क्लीन चिट दे दी।...
चुनाव आयोग ने वर्धा भाषण मुद्दे पर पीएम मोदी को दी क्लीन चिट

चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वर्धा में दिये उनके भाषण के लिए मंगलवार को क्लीन चिट दे दी। पीएम मोदी ने वायनाड सीट से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना की थी और ‘‘संकेत’’ दिया था कि केरल के इस संसदीय क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।  

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चुनाव आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि मामले की आदर्श आचार संहिता के मौजूदा दिशानिर्देशों/प्रावधानों, जनप्रतिनिधि कानून के अंतर्गत और महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी की रिपोर्ट के अनुरूप विस्तृत जांच पड़ताल की गई। इसके मुताबिक आयोग का यह विचार है कि इस मामले में ऐसा कोई उल्लंघन नहीं दिखा है।

कांग्रेस ने की थी शिकायत

इस महीने के शुरू में कांग्रेस ने चुनाव आयोग से सम्पर्क किया था और प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को विभाजनकारी बताते हुए उनके के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मोदी की राहुल गांधी के खिलाफ टिप्पणी नफरत पैदा करने वाली और विभाजनकारी है।

इस बयान पर थी आपत्ति

प्रधानमंत्री मोदी ने 1 अप्रैल को वर्धा में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित तौर पर कहा था कि विपक्षी दल लोकसभा की उन सीटों से अपने नेताओं को खड़ा करने से ‘‘डरता’’ है जहां बहुसंख्यकों का प्रभुत्व है।

पीएम मोदी ने उक्त टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से दूसरी सीट के तौर पर चुनाव लड़ने के फैसले की ओर इशारा करते हुए की थी। बता दे कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के अमेठी से भी चुनाव लड़ रहे हैं।   मोदी ने कथित रूप से कहा था, ‘‘कांग्रेस ने हिंदुओं का अपमान किया और देश के लोगों ने पार्टी को चुनाव में दंडित करने का निर्णय किया है। उस पार्टी के नेता अब उन लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने से डर रहे हैं जहां बहुसंख्यक (हिंदू) जनसंख्या का प्रभुत्व है। इसी वजह से वे ऐसे स्थानों पर शरण लेने के लिए बाध्य हैं जहां बहुसंख्यक अल्पसंख्यक हैं।’’      

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा चुनाव आयोग से जवाब

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आदर्श आचार संहिता का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले में कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की अर्जी पर मंगलवार को चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। याचिका में कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया गया है कि मोदी और शाह ने कथित रूप से नफरत फैलाने वाले भाषण देकर और 'राजनीतिक प्रचार' में सैन्य बलों का इस्तेमाल करके आचार संहिता का उल्लंघन किया है।

सीजेआई रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने चुनाव आयोग से जवाब मांगने के साथ ही देव की याचिका गुरुवार को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दी। देव ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ शिकायतों पर चुनाव आयोग की कथित निष्क्रियता को ‘पक्षपात’ का लक्षण और मनमाना बताया है।

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