Advertisement

जर्नलिस्टों के खिलाफ अपशब्द और धमकी बंद हो: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ अपशब्दों, धमकियों और दुर्व्यवहार जैसी घटनाओं की...
जर्नलिस्टों के खिलाफ अपशब्द और धमकी बंद हो: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वरिष्ठ पत्रकारों के खिलाफ अपशब्दों, धमकियों और दुर्व्यवहार जैसी घटनाओं की कड़ी निंदा की है। गिल्ड ने मांग की है कि सरकार और साइबर क्राइम सेल से इस तरह के दुर्व्यवहारों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। गिल्ड ने सोशल मीडिया फर्मों के संचालकों से भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात कही है। बता दें कि कई वरिष्ठ पत्रकार अपनी रिपोर्ट और टिप्पणी को लेकर खासकर सोशल मीडिया में निशाना बनाए जा रहे हैं।

गिल्ड ने एक बयान जारी कर कहा कि यह सब सोशल मीडिया, खासकर ट्विटर के माध्यम से किया जा रहा है। गिल्ड ने संबंधित प्रबंधन को सावधानी और जिम्मेदारी की भावना के साथ काम करने का आग्रह किया है। गिल्ड ने कहा कि इन प्लेटफार्मों के मालिकों को खुद को यह याद दिलाने की जरूरत है कि उन्हें गैरकानूनी व्यवहार की अनुमति नहीं देनी चाहिए। किसी भी प्रकार की घृणा पर पनपने वाले व्यावसायिक मॉडल निंदनीय हैं।

गिल्ड ने कहा कि इस तरह के सोशल मीडिया में अपशब्दों और लोकतंत्र में शारीरिक हिंसा के खतरों के लिए कोई जगह नहीं है।  मतभेदों का सम्मान किया जाना चाहिए और इसे संवाद और बहस के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।

वहीं गिल्ड ने सरकार से आग्रह किया है कि इस तरह के दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। पुलिस साइबर क्राइम सेल को इन शिकायतों को प्राथमिकता से देखा जाना चाहिए। संबंधित मंत्रालयों और नियामकों को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की ओर से जवाबदेही तय करने के लिए कानूनों पर अधिक स्पष्टता सुनिश्चित करनी चाहिए। यौन उत्पीड़न, हिंसा को भड़काने पर कानून सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों पर कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad