Advertisement

30 साल पुराने मामले में कश्मीर के उर्दू अखबार का संपादक गिरफ्तार, मिली जमानत

जम्मू-कश्मीर में लगभग तीन दशक पुराने आतंकवाद के एक मामले में एक उर्दू दैनिक के संपादक को गिरफ्तार किया...
30 साल पुराने मामले में कश्मीर के उर्दू अखबार का संपादक गिरफ्तार, मिली जमानत

जम्मू-कश्मीर में लगभग तीन दशक पुराने आतंकवाद के एक मामले में एक उर्दू दैनिक के संपादक को गिरफ्तार किया गया। हालांकि गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के भीतर स्थानीय अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।

एक अधिकारी ने बताया कि उर्दू दैनिक ‘डेली अफाक’ के संपादक गुलाम जिलानी कादरी को सोमवार की देर रात 1990 में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया। यह मामला आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) की धारा तीन के तहत दर्ज किया गया था ।तत्कालीन न्यायिक दंडाधिकारी की ओर से 15 अक्टूबर 1992 में जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।

'गिरफ्तारी से पहले नहीं बताया कारण'

कादरी के परिजन ने बताया कि उन्हें बालगार्डन इलाके में स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है। कादरी के एक संबंधी ने बताया, ‘लगभग आधी रात के समय पुलिस आई और कादरी साहिब को ले गई। उन्हें ले जाने से पहले पुलिस ने कोई कारण नहीं बताया, एक पुलिस अधिकारी ने उनसे पूछा कि चुनाव कब है?’

क्या है मामला

यह मामला 1990 में आतंकी संगठनों के समाचारों के प्रकाशन से संबंधित है। जिस कानून के तहत कादरी को गिरफ्तार किया गया है, वह सरकार द्वारा स्थापित कानून के तहत लोगों या किसी भी वर्ग के लोगों में आतंक फैलाने, लोगों के बीच विभाजन करने या विभिन्न वर्गों के बीच सौहार्द एवं भाईचारे को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने के इरादे से कोई भी कार्य या बात करते हैं।

कश्मीर एडिटर्स गिल्ड और कश्मीर यूनियन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट  ने किया विरोध

कश्मीर एडिटर्स गिल्ड एवं कश्मीर यूनियन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट सहित विभिन्न पत्रकार संगठन कादरी के समर्थन में आये और यहां मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में इस गिरफ्तारी का विरोध किया। कश्मीर एडिटर्स गिल्ड ने बयान जारी कर कहा कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने संपादक को जमानत देने के बाद पुलिस को यह बताने के लिए कहा कि उसने पिछले तीन दशकों में केस की जांच कैसे की। कादरी के परिजनों ने बताया कि उन्हें बालगार्डन इलाके में स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले कश्मीर यूनियन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट समेत विभिन्न पत्रकार संगठनों ने कादरी की आधी रात में की गयी गिरफ्तारी की निंदा की। संगठन ने आरोप लगाया है कि ऐसा लगता है, सरकार के इस कदम का उद्देश्य स्थानीय प्रेस की आवाज को दबाना है।

एजेंसी इनपुट

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad