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आईसीआईसीआई लोन मामले में चंदा कोचर और वेणुगोपाल के ठिकानों पर ईडी की तलाशी

आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन मामले में बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर और वीडियोकॉन के मैनेजिंग...
आईसीआईसीआई लोन मामले में चंदा कोचर और वेणुगोपाल के ठिकानों पर ईडी की तलाशी

आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन मामले में बैंक की पूर्व प्रमुख चंदा कोचर और वीडियोकॉन के मैनेजिंग डायरेक्टर वेणुगोपाल धूत के घर और दफ्तर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तलाशी जारी है। अधिकारियों ने इस खबर की जानकारी देते हुए बताया कि मुंबई में कम से कम पांच कार्यालयों, आवासीय परिसर और कुछ अन्य स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत और अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था।  

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम पुलिस की मदद से इस मामले में और सबूतों की तलाश कर रही है। उन्होंने बताया कि चंदा कोचर और वीडियोकॉन के मैनेजिंग डायरेक्टर वेणुगोपाल धूत के घर और दफ्तर में तलाशी शुक्रवार सुबह शुरू की गई।

चंदा कोचर, दीपक कोचर और धूत के खिलाफ लुक आउट नोटिस

अधिकारियों ने बताया कि चंदा कोचर, दीपक कोचर और धूत के खिलाफ मामला दर्ज होने के एक हफ्ते बाद लुक आउट नोटिस जारी करने का कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि वीडियोकॉन ग्रुप के लिए 1,875 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी देने में भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी देश छोड़कर भाग नहीं पाएं।

इससे पहले चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से जुड़े लोन मामले में सीबीआई ने महाराष्ट्र में चार जगहों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई वीडियोकॉन और न्यूपॉवर के दफ्तरों में हुई। न्यूपॉवर का संचालन चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और सुप्रीम एनर्जी करती है। बता दें कि सीबीआई ने वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर और अज्ञात लोगों के खिलाफ पिछले साल मार्च में एक प्रारंभिक जांच की थी।

चंदा कोचर ने पिछले साल दिया था एमडी-सीईओ पद से इस्तीफा

चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के पद से अक्टूबर 2018 में इस्तीफा दे दिया था। कोचर ने बोर्ड से अपील की थी कि उन्हें जल्द रिटायरमेंट दे दिया जाए, जिसे मंजूर कर लिया गया था।

इस साल सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की

सीबीआई ने जनवरी 2019 में चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के एमडी वेणुगोपाल धूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने वीडियोकॉन कंपनी के मुंबई-औरंगाबाद स्थित दफ्तरों और दीपक कोचर के ठिकानों पर छापे भी मारे थे

वीडियोकॉन लोन मामले में चंदा पर आरोप

एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया था। इसका 86% हिस्सा ही चुकाया गया। बाद में वीडियोकॉन की मदद से बनी एक कंपनी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की अगुआई वाले ट्रस्ट के नाम कर दी गई। चंदा कोचर पर वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत के जरिए अपने पति दीपक कोचर, भाभी और ससुर को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा।

लोन को लेकर उठे थे सवाल

चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह और अपने परिवार की साझे स्वामित्व वाली कंपनी न्यू पॅॅावर को बैंक से दिए गए लोन को लेकर सवाल उठा था, जिसके चलते चंदा कोचर को आईसीआईसीआई बैंक के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा देना पड़ा था। चंदा कोचर पर आरोप लगा था कि उन्होंने पति को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया था।

इस मामले में जानें कब क्या हुआ?

- आईसीआईसीआई बैंक ने साल 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को, एसबीआई के नेतृत्व में बनाए गए एक कंसोर्टियम में शामिल होकर 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। इस कंसोर्टियम में 20 बैंक शामिल थे जिन्होंने कुल चालीस हजार करोड़ रुपये का लोन वीडियोकॉन को दिया।

- इसके बाद 22 अक्टूबर 2016 को आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन के निवेशक अरविंद गुप्ता ने एक ब्लॉग पोस्ट लिखा जिसमें उन्होंने 15 मार्च, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली समेत कई अन्य सरकारी विभागों को भेजा गया पत्र शामिल किया था।

- कथित तौर पर 15 मार्च, 2016 को लिखे गए इस पत्र में दावा किया गया कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन के साथ व्यापारिक रिश्ते हैं, ऐसे में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के लोन में हितों के टकराव का मामला हो सकता है।

- चंदा कोचर पर वीडियोकॉन समूह के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को गलत तरीके से 3,250 करोड़ का कर्ज देने का आरोप लगाया गया। धूत ने बाद में इस रकम का 10 फीसदी हिस्सा उन कंपनियों में लगाया जिन्हें चंदा के पति दीपक कोचर चला रहे थे। बाद में धूत को दिए कर्ज में से 2,810 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई बैंक ने एनपीए घोषित कर दिए यानी ऐसी रकम जो वसूली नहीं जा सकती।

- इस रिपोर्ट के बाद बैंक ने बयान जारी किया, "बैंक का बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इसमें किसी तरह का क्विड प्रो-नेपोटिज्म और कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का मामला होने का सवाल ही नहीं उठता और बैंक बोर्ड को अपनी प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है।"

- अप्रैल, 18 में सीबीआई ने इस केस को अपने हाथ में लिया और दीपक कोचर, वीडियोकॉन ग्रुप समेत कुछ अज्ञात लोगों के बीच हुए लेनदेन की शुरुआती जांच शुरू की। दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ जांच पूरी होने तक उनके देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

- 18 जून,18 को आईसीआईसीआई बैंक ने एक बयान जारी करके कहा है कि उनकी सीईओ और एमडी चंदा कोचर उनके खिलाफ जारी जांच पूरी होने तक छुट्टी पर जा रही हैं।

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