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चीन के दावों पर भारत ने कहा- सैन्य बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया अभी नहीं हुई है पूरी

पूर्वी लद्दाख में बार्डर पर ज्यादातर स्थानों से सैनिकों को पीछे हटा लेने के चीन के दावे पर भारत ने कहा...
चीन के दावों पर भारत ने कहा- सैन्य बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया अभी नहीं हुई है पूरी

पूर्वी लद्दाख में बार्डर पर ज्यादातर स्थानों से सैनिकों को पीछे हटा लेने के चीन के दावे पर भारत ने कहा है कि सैन्य बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। पूर्वी लद्दाख में बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी करने संबंधी कदमों पर विचार करने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडर निकट भविष्य में मुलाकात करेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने चीनी दावे के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में ऑनलाइन माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ''इस उद्देश्य की दिशा में कुछ प्रगति हुई है मगर पीछे हटने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।'' उन्होंने कहा कि दोनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर ''निकट भविष्य में बैठक करेंगे ताकि पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा की जा सके।'' 

श्रीवास्तव ने कहा, ''जैसा कि हमने पहले ही कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाये रखना हमारे द्विपक्षीय संबंधों का आधार है।'' उन्होंने आगे कहा, ''इसलिए हम भरोसा करते हैं कि चीनी पक्ष यथाशीघ्र पूरी तरह से पीछे हटने, तनाव कम करने और सीमावर्ती क्षेत्र में पूरी तरह से शांति बहाल करने के लिए हमारे साथ गंभीरता से काम करेगा जिस पर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी थी।

गौरतलब है कि बीजिंग ने कहा था कि चीन और भारत के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने सीमा पर ज्यादातर स्थानों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और जमीनी स्तर पर तनाव घट रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से उन खबरों पर टिप्पणी मांगी गई थी जिनमें कहा गया है कि भारत और चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और कोंगका दर्रा इलाकों में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और सिर्फ पैंगोंग सो इलाके में ही सैनिकों को पीछे हटना है।

वांग द्वारा ''मंदारिन भाषा में की गई टिप्पणी का अंग्रेजी में अनुवाद करके चीन के विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है। इसमें (अंग्रेजी अनुवाद में) कहा गया है, ''चूंकि अग्रिम पंक्ति के सैनिक ज्यादातर जगहों से पीछे हट गए हैं, इसलिए जमीनी स्तर पर तनाव कम हो रहा है।''

गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच 15 जुलाई को हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्य कर्मियों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव कई गुना बढ़ गया। चीनी सैनिक भी इसमें हताहत हुए, लेकिन पीएलए ने इसकी कोई संख्या सार्वजनिक नहीं की है। हालांकि, अमेरिकी खुफिया विभाग मुताबिक झड़प में चीन के 35 सैनिक मारे गए थे।

 

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