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शीला दीक्षित ने सहारा दस्तावेजों को खारिज किया, भाजपा ने कहा दोहरा मानदंड

राहुल गांधी द्वारा सहारा डायरियों को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधे जाने के बीच आज एक विवाद शुरू हो गया जब कांग्रेस ने इससे जुड़ी एक सूची ट्विटर पर जारी कर दी जिसमें कांग्रेस नेता शीला दीक्षित का भी नाम कथित तौर पर शामिल है। इसके बाद शीला दीक्षित ने उन दस्तावेजों को तवज्जो नहीं दी।
शीला दीक्षित ने सहारा दस्तावेजों को खारिज किया, भाजपा ने कहा दोहरा मानदंड

भाजपा ने तत्काल इस मुद्दे पर कहा कि दो मानदंड नहीं हो सकते और राहुल गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही मामले को साफ कर दिया है। इस बीच जदयू, राजद और राकांपा जैसी पार्टियों ने मांग की कि उन सभी लोगों की जांच की जानी चाहिए जिनके नाम डायरियों में हैं।

कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित ने आरोपों से साफ इंकार किया और दस्तावेजों को खारिज करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही उनके संबंध में अपनी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, आरोपों में जरा भी सच्चाई नहीं है। मैं पूरी तरह से इन आरोपों को खारिज करती हूं।

कांग्रेस द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर सूची सार्वजनिक किए जाने के बारे में पूछने पर शीला दीक्षित ने पीटीआई से कहा, इससे मुझे आश्चर्य हुआ।

हालांकि उन्होंने कहा कि उनका इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने इस संबंध में और आगे बोलने से इंकार करते हुए कहा कि यह मामला न्यायाधीन है।

उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि वह इस मुद्दे को पार्टी में उठा सकती हैं। उन्होंने कहा, सूची में कई नाम हैं। तब आप शीला दीक्षित पर क्यों केंद्रित कर रहे हैं। मुझे ऐसी कोई बात याद भी नहीं है। अन्य मुख्यमंत्रियों के भी नाम हैं। आप उनके बारे में क्यों नहीं बात करते? सिर्फ शीला दीक्षित ही क्यों?

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि दो मानदंड नहीं हो सकते लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनके प्रवक्ता बार बार गलतियां कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुद्दा समाप्त हो गया है और उच्चतम न्यायालय ने भी इसे सत्यापित कर दिया है।

राहुल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को अब तक समझदार हो जाना चाहिए था, वह अब बच्चे नहीं हैं। जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा, मैं चाहता हूं कि सहारा डायरियों को अब सार्वजनिक किया जाना चाहिए तथा उन सभी लोगों से पूछताछ की जानी चाहिए जिनके नाम इसमें हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, शीला दीक्षित, रमन सिंह और शिवराज तथा कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ आरोप हैं कि उन लोगों ने सहारा से पैसे लिए। इसलिए हम मांग करते हैं कि पूरी सूची सार्वजनिक की जानी चाहिए। राजद नेता मनोज कुमार ने कहा कि सूची में जिनका भी नाम हो, तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए और उच्चतम न्यायालय के किसी मौजूदा न्यायाधीश से जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, क्योंकि हम किसी व्यक्ति को निशाना बनाना नहीं चाहते, हम यह भी नहीं चाहते कि पूरी दुनिया के सामने प्रधानमंत्री का पद अपनी विश्वसनीयता खोए, यही हमारी प्राथमिकता है।

कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सहारा तथा बिड़ला समूहों से पैसे लिए थे। भाजपा ने उनके आरोपों का खंडन किया था।

भाषा

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