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पश्चिम बंगाल, झारखंड समेत कई राज्य श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को अनुमति देने में कर रहे हैं देरी

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन के बीच लाखों प्रवासी मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों में...
पश्चिम बंगाल, झारखंड समेत कई राज्य श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को अनुमति देने में कर रहे हैं देरी

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और लॉकडाउन के बीच लाखों प्रवासी मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। इसको लेकर केंद्र ने राज्यों को अनुरोध पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्रवासियों को ट्रेन से उनके मूल राज्य भेजने की अपील के बावजूद  कई राज्य प्रवासियों को लाने में काफी सुस्त रवैया अपना रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की यही स्थिति है। अधिकारियों के मुताबिक रेलवे प्रतिदिन लगभग 300 ट्रेनें चलाने की क्षमता रखता है। लेकिन, राज्यों से पर्याप्त संख्या में स्वीकृतियां नहीं भेजे जाने के कारण यह संख्या आधी है।

 'राज्य सरकार नहीं दे रही मंजूरी'

अधिकारी के मुताबिक कई राज्य अपने प्रवासियों को ले जाने के लिए चलने वाली गाड़ियों की मंजूरी नहीं दे रहे हैं। जिसकी वजह से प्रवासियों को सड़कों पर चलने अथवा असुरक्षित वाहनों जैसे ट्रकों आदि के माध्यम से यात्रा करने और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने को मजबूर होना पड़ रहा है। प्रवासी मजदूरों की संख्या की तुलना में राज्यों ने बहुत कम गाड़ियों को मंजूरी दी है।

1,414 श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाई गईं

रेलवे के मुताबिक एक मई से अब तक 1,414 श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलाई गई हैं। जिसमें से 641 उत्तर प्रदेश के लिए और 310 बिहार के लिए रवाना की गईं। वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के लिए सिर्फ 19 ट्रेनें ही चलाई गई हैं। इन 19 में से 9 ट्रेनें अपने गंतव्य पर पहुंच चुकी हैं। सोमवार शाम तक सात ट्रेन रास्ते में हैं जबकि मात्र दो और ट्रेन को अनुमति मिली है। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुताबिक उन्होंने अब तक 105 ट्रेनों की अनुमति दी है।

राजस्थान के लिए 25 और छत्तीसगढ़ के लिए 19 ट्रेनें चलाई गई

उसी तरह की स्थिति राजस्थान की है। अब तक राज्य के लिए 25 ट्रेनें चलाई गई हैं। जिसमें से 6 ट्रेन अभी रास्ते में हैं और दो और ट्रेन को राज्य की तरफ से अनुमति दी गई है। वहीं, छत्तीसगढ़ के लिए 14 ट्रेनें गंतव्य पर पहुंच गई हैं, दो ट्रेन अपने गंतव्य को पहुंचने वाली है जबकि तीन और ट्रेन चलने को है।

झारखंड के लिए 56 और ओडिशा के लिए 58 ट्रेनें चलाई गईं

शुरूआत में झारखंड सरकार अपने प्रवासियों को राज्य लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन को तुरंत मंजूरी दे रही थी लेकिन अब ये भी ट्रेनों को मंजूरी देने में सुस्त रवैया अपना रही है। राज्य के लिए अभी तक 56 ट्रेनों ने अपनी यात्रा पूरी कर ली है। जबकि 8 ट्रेनें राज्य के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से चलने को है। एक अधिकारी के मुताबिक ओडिशा के लिए अब तक 58 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं।

पीयूष गोयल और कैबिनेट सचिव ने की अपील

बता दें कि पिछले दो दिनों में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य सरकारों से अपील की है कि अधिक से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को मंजूरी दें ताकि प्रवासी पैदल घर जाने हेतु बाध्य न हो और अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए जोखिम भरा रास्ता न अपनाया जाए। इससे पहले रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के अधिकारियों से कहा कि वे अधिक-से-अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने में सहयोग करें।

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