Advertisement

राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पूर्व सेना अधिकारी सनाउल्लाह ‘विदेशी’ घोषित, भेजे गए डिटेंशन कैंप

असम में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित एक पूर्व सेना अधिकारी को बुधवार को ‘विदेशी’ घोषित कर हिरासत में...
राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पूर्व सेना अधिकारी सनाउल्लाह ‘विदेशी’ घोषित, भेजे गए डिटेंशन कैंप

असम में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित एक पूर्व सेना अधिकारी को बुधवार को ‘विदेशी’ घोषित कर हिरासत में ले लिया गया। भारतीय सेना में 30 साल सेवा दे चुके मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशियों के लिए बने न्यायाधिकरण ने विदेशी घोषित किया है। विदेशी घोषित होने के बाद सनाउल्लाह और उनके परिवार को नजरबंदी शिविर में भेजा गया।

कामरूप जिले के बोको थाना क्षेत्र के कोलोहिकस गांव निवासी और अब सीमा पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) के पद पर कार्यरत मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी न्यायाधिकरण, कामरूप द्वारा ‘विदेशी’ घोषित किया गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी

कामरूप जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीब सैकिया के मुताबिक, मतदाता सूची में ‘डी’ (संदिग्ध) मतदाता के रूप में सनाउल्ला का नाम सूचीबद्ध होने के बाद वर्ष 2008 में वहां दर्ज एक मामले के बाद आया था। न्यायाधिकरण के फैसले के बाद, सैकिया ने कहा कि पुलिस निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक, सनाउल्लाह को ले गई और उन्हें गोलपारा जिले के नजरबंदी शिविर में भेज दिया गया है।

30 साल तक सेना में रहे सनाउल्लाह

सनाउल्लाह ने शिविर में जाने से पहले पत्रकारों से कहा कि वह एक भारतीय नागरिक हैं और उनके पास नागरिकता संबंधी सभी आवश्यक दस्तावेज हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने देश की सेना में 30 वर्षों (1987-2017) तक इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एक अधिकारी के रूप में सेवा की और 2014 में राष्ट्रपति के पदक से सम्मानित किया गया।

असम पुलिस में एएसआई के पद पर हैं कार्यरत

सनाउल्लाह ने कहा कि उन्होंने जिले के बोको में चंपो पारा गवर्नमेंट हाई स्कूल से हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एचएसएलसी) की परीक्षा पास की थी और सेना से रिटायर होने के बाद वह पिछले वर्ष से सीमा पुलिस में एएसआई के पद पर कार्यरत हैं।

कोर्ट में करेंगे अपील

उनकी बेटी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पिता ने न्यायाधिकरण को अपनी भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, जिसमें मतदाता कार्ड और पैतृक संपत्ति के दस्तावेज शामिल थे। उनके परिजनों ने कहा कि वह न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ गुवाहाटी हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

एजेंसी इनपुट्स

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad