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उत्तराखंड में बारिश से मरने वालों की संख्या 52 हुई; हिमाचल प्रदेश में 17 ट्रैकर्स लापता; यूपी, उत्तर बंगाल और सिक्किम में भी भारी बारिश

देश के कई हिस्सों में बारिश का प्रकोप जारी है। उत्तराखंड में बुधवार को छह और शव बरामद किए गए, जिससे इस...
उत्तराखंड में बारिश से मरने वालों की संख्या 52 हुई; हिमाचल प्रदेश में 17 ट्रैकर्स लापता; यूपी, उत्तर बंगाल और सिक्किम में भी भारी बारिश

देश के कई हिस्सों में बारिश का प्रकोप जारी है। उत्तराखंड में बुधवार को छह और शव बरामद किए गए, जिससे इस राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 हो गई। वहीं उत्तर प्रदेश, सिक्किम और उत्तरी बंगाल के क्षेत्रों में भी मूसलाधार बारिश हुई और इस कारण हुए भूस्खलन से गंगटोक को देश के शेष हिस्सों से जोड़ने वाली मुख्य सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग 10 को बंद करना पड़ा।पिछले दो दिनों में उत्तर प्रदेश के बरेली और पीलीभीत जिलों में भारी बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए। वहीं हिमाचल में बारिश से जुड़ी घटनाओं में एक ट्रेकिंग टीम के 11 सदस्यों समेत 17 लोग लापता हो गए। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र, जो बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, में भी 46 मकानों के क्षतिग्रस्त होने के मामले सामने आए हैं।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में 17 ट्रेकर्स लापता हो गए हैं। ट्रेकर्स ने हर्षिल को उत्तराखंड के उत्तरकाशी से सटे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में चितकुल के लिए 14 अक्टूबर को छोड़ा था, लेकिन वे कथित तौर पर लमखागा दर्रे में 17 से 19 अक्टूबर तक खराब मौसम के दौरान लापता हो गए थे। लमखागा दर्रा सबसे कठिन दर्रे में से एक है जो किन्नौर जिले को उत्तराखंड के हर्षिल से जोड़ता है। किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि पुलिस और वन विभाग की टीमों और त्वरित प्रतिक्रिया दल को मौके पर भेजा गया है। डीसी ने कहा कि उनकी तलाशी के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की भी मदद मांगी गई है।

इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हालात का जायजा लेने के लिए कुमाऊं के उधम सिंह नगर और चंपावत जिलों के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने सड़क मार्ग से यात्रा की क्योंकि उनका हेलीकॉप्टर तकनीकी वजहों से हल्द्वानी से उड़ान नहीं भर सका।

अधिकारियों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में हालात का जायजा लेने के लिए बुधवार रात को राजधानी देहरादून का दौरा कर सकते हैं। वह गुरुवार सुबह प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं।

बुधवार को पूरे उत्तराखंड में मौसम साफ हो गया, जिससे बचाव कार्यों को गति मिली और चारधाम यात्रा आंशिक रूप से फिर से शुरू हुई जिससे तीर्थयात्रियों को केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री जाने की इजाजत मिली। हालांकि, बद्रीनाथ की यात्रा फिर से शुरू नहीं की जा सकी क्योंकि मंदिर की ओर जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया है।


राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने कहा कि उसने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 1,300 से अधिक लोगों को बचाया है और बचाव दल की टीमों की तादाद बढ़ाकर 15 से 17 कर दी है।

पश्चिम बंगाल के पहाड़ी जिलों और पर्वतीय सिक्किम में मूसलाधार बारिश की वजह से बुधवार को भूस्खलन की कई घटनाओं में पुल क्षतिग्रस्त हो गए, राजमार्ग जलमग्न हो गए और सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। दोनों राज्यों के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

भूस्खलन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग 10, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के बीच मुख्य सड़क संपर्क बड़े पैमाने पर अवरुद्ध हो गया जबकि तीस्ता सहित उफनती नदियों ने इसके किनारे के गांवों को तबाह कर दिया।

इस बीच मौसम विभाग ने दार्जिलिंग, कलिमपोंग और अलीपुरदुआर जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए बृहस्पतिवार की सुबह तक तीनों जिलों में एक दो जगहों पर मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग के मुताबिक, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार में भी मूसलाधार बारिश का अनुमान है।

वहीं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के रामपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित की। हवाई सर्वेक्षण के बजाय, नकवी ने सड़क मार्ग से सर्वेक्षण किया।

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में लगभग 500 ग्रामीण शारदा नदी के बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। बरेली के फरीदपुर में एक दंपति और राम नगर इलाके में नौ साल के एक लड़के की भारी बारिश के कारण मकान गिरने से मौत हो गई।

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