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यूपी में बच्चा चोरी की अफवाह, 72 घंटे में 20 मॉब अटैक

उत्तर प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाह एक बार फिर तेज है। इन अफवाहों के बीच पिछले 72 घंटों में भीड़ द्वारा...
यूपी में बच्चा चोरी की अफवाह, 72 घंटे में 20 मॉब अटैक

उत्तर प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाह एक बार फिर तेज है। इन अफवाहों के बीच पिछले 72 घंटों में भीड़ द्वारा हमलों के कम से कम 20 मामले सामने आए हैं। इन अफवाहों का ताजा शिकार एक शख्स हुआ जो अपने भाई के साथ मंगलवार को संभल इलाके में एक डॉक्टर के पास अपने भतीजे को ले जा रहा था। भीड़ ने उन दोनों पर बच्चा चोर होने का संदेह किया और उन्हें बेरहमी से पीटा।

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों भाइयों को एक अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनमें से एक को मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने दो लोगों को मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

उत्तर प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाहें हिंसक घटनाओं का कारण बन रही हैं। एक अन्य घटना में गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक महिला को बच्चे को उठाने के संदेह पर भीड़ द्वारा पीटा गया। पुलिस ने कहा कि महिला अपने पोते के साथ खरीदारी करने गई थी लेकिन भीड़ ने उस पर बच्चा-चोर होने का संदेह किया।

शामली, बुलंदशहर और हापुड़ में चार घटनाएं

उत्तर प्रदेश के शामली, बुलंदशहर और हापुड़ क्षेत्रों में इसी तरह की चार घटनाएं सामने आई हैं।

शामली जिले में रस्सी बेच रही पांच महिलाओं को भीड़ ने बच्चा चोर होने के संदेह पर पिटाई की। हालांकि उन्हें पुलिस ने बचा लिया।

इसी तरह, बुलंदशहर में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को उसी संदेह पर भीड़ ने पीटा था। हापुड़ में एक महिला को बच्चा चोरी के शक में भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ा।

बचाने आई पुलिस भी भीड़ का शिकार

बरेली में, एक मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को सोमवार को लात घूंसों से मारा गया क्योंकि उसने बाजार में एक बच्चे के हाथों से 10 रुपये का नोट छीन लिया था। बताया गया कि वह कई दिनों से भूखा था। जब पुलिस ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो उनको भी पीटा गया और गुस्साई भीड़ ने उनका पीछा किया।

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बलों को बुलाना पड़ा। बाद में पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

हरियाणा में पुलिस को समझा बच्चा चोर

इससे पहले पिछले हफ्ते लखीमपुर खीरी में हरियाणा पुलिस के तीन जवान सादे कपड़ों में अचानक भीड़ से घिर गए उनको भीड़ ने बच्चा चोर समझ लिया था। बाद में उन्हें स्थानीय पुलिस ने बचा लिया गया।

सोशल मीडिया है अफवाहों का कारण

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इन घटनाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जा रही अफवाहों का कारण मानते हैं।

कुछ जिलों में जहां इस तरह की घटनाएं हुई हैं, पुलिस अधिकारी हर समय लोगों को आश्वस्त करने के लिए सार्वजनिक घोषणाएं कर रहे हैं कि कोई भी बच्चा उठाने वाला गिरोह क्षेत्र में सक्रिय नहीं है।

पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

मेरठ जोन के महानिरीक्षक आलोक सिंह ने बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने के खिलाफ एक एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने कहा कि हिंसा में लिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर प्रसारित हिंसा और सीसीटीवी फुटेज के वीडियो से उनकी पहचान की जाएगी।

पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा कि पुलिस ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गश्त बढ़ाई है और सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए कड़ी चौकसी भी बरती जा रही है। उन्होंने कहा, "हम ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों की भी पहचान कर रहे हैं और उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।"

एजेंसी इनपुट

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