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अगले 12 घंटों में गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है ‘यास’, बंगाल-ओडिशा के कई इलाकों में तेज बारिश

बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव के बाद सोमवार को चक्रवात बने ‘यास’ के अगले 12 घंटे में बेहद गंभीर...
अगले 12 घंटों में गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है ‘यास’, बंगाल-ओडिशा के कई इलाकों में तेज बारिश

बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव के बाद सोमवार को चक्रवात बने ‘यास’ के अगले 12 घंटे में बेहद गंभीर  चक्रवाती तूफान बनने का ऐलान मौसम विभाग ने कर दिया है। यास बुधवार को बंगाल और ओडिशा तट पर पहुंचेगा। इसी के साथ लोगों का सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन शुरू हो गया है। इस बीच ओडिशा , पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है।

मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान यास के बहुत तीव्र चक्रवाती तूफान की तरह 26 मई की दोपहर उत्तर ओडिशा-पश्चिम बंगाल तटों को बालासोर के आसपास पारादीप और सागर द्वीप के बीच पार करने की बहुत संभावना है।

इस दौरान पश्चिम बंगाल के झारग्राम, पूर्व एवं पश्चिम मेदिनिपुर, दक्षिण व उत्तर 24 परगना, कोलकाता, हावड़ा और हुगली में भारी बारिश होगी। इसके अलावा ओडिशा के चार तटीय जिलों बालासोर, भदरक, केंद्रपारा और जगतसिंहपुर में सबसे ज्यादा असर होगा। आंध्रप्रदेश के भी कई हिस्सों में इसका प्रभाव होगा।

वहीं चक्रवात यास के मद्देनज़र ओडिशा में तेज़ हवाएं और बारिश हो रही है। राजधानी भुवनेश्वर में भी बारिश हो रही है। बालासोर ज़िले के चांदीपुर में ज़िला प्रशासन मरीन पुलिस के साथ मिलकर मछुआरों के गांवों को खाली करा रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज रहा है। यहां के बीडीओ ने बताया, हम सभी लोगों को दोपहर तक स्कूल और कॉलेज में बनाए गए अस्थायी आश्रय केंद्रों में शिफ्ट कर देंगे। वहां सभी के लिए खाने- पीने का इंतजाम किया गया है। वहां कोविड गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्था की गई है। लोगों से अपील है कि नजदीक के सुरक्षित घरों में पहुंच जाएं।

जगतसिंहपुर जिले में भी लोग सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं। पारादीप के संधाकुड की लक्ष्मी कहती हैं कि पिछले तूफान में मेरे परिवार ने सब कुछ खो दिया था। हम बचने में सफल रहे। मैं यहां अपने पति और बेटी व उसे बच्चों के साथ आई हूं। 

वहीं पश्चिम बंगाल के दीघा में भी तेज़ हवाएं और बारिश हो रही है।एनडीआरएफ के डीजी एस.एन. प्रधान ने बताया कि चक्रवात यास के मद्देनज़र पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की 10 और टीमें तैनात की गईं। राज्य में कुल 45 टीमें तैनात हैं।

इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रभावित होने वाले राज्यों को विश्वास दिलाया कि गृहमंत्रालय 24 घंटे उनकी सहायता के लिए मौजूद है। शाह ने बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों व अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल से तूफान से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया।  

गृहमंत्री ने बैठक के दौरान, राज्यों को बताया कि गृहमंत्रालय में तूफान पर निगरानी के लिए बना नियंत्रण कक्ष 24 घंटे काम करता रहेगा। किसी भी क्षण इससे संपर्क कर मदद ली जा सकती है।  शाह ने बंगाल और ओडिशा से उनके यहां ऑक्सीजन संयंत्रों पर तूफान के संभावित प्रभावों की जानकारी ली। राज्यों को कोविड अस्पतालों, जांच लैब, टीका भंडारों और ऑक्सीजन संयंत्रों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था करने को कहा है। बंगाल और ओडिशा देश के बड़े मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता राज्य हैं। सभी राज्यों से अपने यहां कम से कम दो दिन के लिए ऑक्सीजन का बफर स्टॉक रखने को कहा गया है।

इसके अलावा राज्यों को सभी मछुआरों की समुद्र से वापसी सुनिश्चित करने व खतरे वाले निचले क्षेत्रों से एक एक व्यक्ति को सुरक्षित जगह पहुंचाने का भी निर्देश दिया गया है। उन्होंने जरूरी वस्तुओं, दवाइयों के स्टॉक व अस्पतालों को सुरक्षित रखने पर जोर दिया। बैठक में सभी जहाजों, तेल कंपनियों की नौकाओं, सभी बंदरगाहों की सुरक्षा पर भी चर्चा हुई। तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक के लिए केंद्र का शुक्रिया अदा किया और सहायता का भरोसा देने के लिए आभार जताया। सभी ने अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कदम उठाने का आश्वासन दिया।

राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ ने कुल 149 टीमों को तैयार किया है, इनमें से 99 को राज्यों के तटीय क्षेत्र में तैनात किया गया है। वहीं 50 को देश के अलग अलग हिस्सों में स्टैंडबाय में रखा गया है और आवश्यकता पड़ने पर इन्हें एयरलिफ्ट कर मोर्चे पर लगाया जाएगा। 52 टीमें ओडिशा, 35 बंगाल, पांच तमिलनाडु, तीन विशाखापत्तनम व झारखंड व एक अंडमान निकोबार में तैनात की गई हैं। 

 

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