Advertisement

कोरोना वायरस से भारत में पहली मौत की पुष्टि, संक्रमित लोगों की संख्या 81 पहुंची

भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत की पुष्टि हो गई है। कर्नाटक सरकार ने बताया है कि प्रदेश में मंगलवार...
कोरोना वायरस से भारत में पहली मौत की पुष्टि, संक्रमित लोगों की संख्या 81 पहुंची

भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत की पुष्टि हो गई है। कर्नाटक सरकार ने बताया है कि प्रदेश में मंगलवार को 76 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से हुई पहली मृत्यु है। मृत्यु पूर्व लिए गए नमूनों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं अब देश में इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 81 हो गई।

सऊदी अरब से लौटे शख्स की मौत के साथ देश में इस महामारी से अब तक यह पहली मौत है। कलबुर्गी का रहने वाला वह शख्स 29 जनवरी को सऊदी अरब गया और एक महीने बाद 29 फरवरी को भारत लौटा था। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इन 16 नए मामलों में से 11 मामले महाराष्ट्र से जबकि एक-एक मामला दिल्ली, लद्दाख, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में सामने आया है। वहीं एक विदेशी नागरिक भी इससे संक्रमित पाया गया है। अब तक दिल्ली में कोरोना वायरस के 6 मामले, हरियाणा में 14, केरल में 17, राजस्थान में 3, तेलंगाना में एक, उत्तर प्रदेश 11, लद्दाख में तीन, तमिलनाडु में एक, जम्मू-कश्मीर में एक, पंजाब में एक, कर्नाटक में चार और महाराष्ट्र में 11 मामले सामने आ चुके हैं।

इस बीमारी ने विश्व भर में कम से कम 4,600 लोगों की जान ले ली है और करीब 1,25,293 लोग इससे संक्रमित हैं। केंद्र एवं राज्यों ने इस संक्रमण से निपटने के प्रयास तेज कर दिए है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि वे घबराए नहीं।

दिल्ली में में स्कूल, कॉलेज और सिनेमा घर 31 मार्च तक बंद

इस बीच, दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों, कॉलेजों और सिनेमा घरों को एहतियातन 31 मार्च तक बंद रखने की गुरुवार को घोषणा की। केवल वे स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे जहां अभी परीक्षाएं जारी हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और शीर्ष सरकारी अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला किया गया। केजरीवाल ने कहा कि सरकार द्वारा सरकारी, निजी कार्यालयों, शॉपिंग मॉल सहित सभी सार्वजनिक स्थानों को संक्रमण मुक्त बनाना अनिवार्य कर दिया गया है।

ईरान में फंसे हैं 6 हजार भारतीय

सरकार ने राजनयिक एवं कामकाजी जैसी कुछ श्रेणियों को छोड़कर सभी वीजा 15 अप्रैल तक स्थगित करने के एक दिन बाद घोषणा की कि ईरान में फंसे भारतीयों को आगामी तीन दिन में वापस लाने के लिए तीन विमान भेजे जाएंगे। गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बताया कि ईरान में 6 हजार भारतीय फंसे हुए हैं। इनमें से महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के 1100 तीर्थयात्री और 300 छात्र शामिल हैं। तीर्थयात्रियों को वापस लाने पर प्रारंभिक ध्यान है, जो ज्यादातर क्योम में फंसे हुए हैं। ईरान में फंसे 529 भारतीयों में से 229 संक्रमित नहीं हैं। ईरानी कानून सख्त होने के कारम भारतीयों को निकालने में दिक्कत हो रही है। वहीं विदेशों से अपने नागरिकों को निकालने के लिए किए गए उपायों के बारे में, अधिकारियों ने बताया कि अब तक भारत ने 948 लोगों को कोरोना वायरस प्रभावित देशों से निकाला है। इनमें से 900 भारतीय हैं और 48 मालदीव, म्यामां, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू के नागरिक हैं।

टीका बनने में लगेंगे दो साल, शुरू किए गए 15 लेबोरेटरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित किए जाने के बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महामारी एवं संचारी रोग-I (ईसीडी-I) प्रभाग के प्रमुख रमन आर गंगाखेड़कर ने कहा कि इस वायरस को अलग करना मुश्किल है, इसके बावजूद पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के वैज्ञानिक लगभग 11 आइसोलेट्स खोजने में सफल रहे हैं, लेकिन टीके को विकसित करने में कम से कम डेढ़ से दो साल लगेंगे। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोकसभा में कहा कि नमूने की जांच के लिए 15 लेबोरेटरी शुरू किए गए है।

कोविड-19 नियंत्रित की जा सकने वाली महामारी है: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने कहा कि यदि दुनिया के देश कोरोना वायरस से निपटने के लिए कदम उठाते हैं, तो यह ‘‘नियंत्रित की जा सकने वाली महामारी है’’। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने बुधवार को स्वीकार किया था कि वैश्विक स्तर पर फैले कोरोना वायरस को अब महामारी कहा जा सकता है, लेकिन उन्होंने यहां राजनयिकों से कहा कि इस बीमारी को महामारी करार देने का अर्थ यह नहीं है कि देश इसे और फैलने से रोकने के लिए कोशिश करना बंद कर दें। गेब्रेयसस के हवाले से जारी बयान में कहा गया, ‘‘यह नियंत्रित की जा सकने वाली महामारी है’’। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत चिंता की बात है कि कुछ देश उस राजनीतिक प्रतिबद्धता से इस बीमारी से नहीं निपट रहे, जिसकी आवश्यकता है। बीमारी की रोकथाम के बजाय इसे कम दिखाने की दिशा में प्रयास करना गलत और खतरनाक है।’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की जान बचाने के लिए हमें संक्रमण को काबू करना चाहिए।’’ डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, ‘‘इसका अर्थ है कि अधिक से अधिक मामलों का पता लगाकर संक्रमित लोगों और उनके निकट रहने वाले लोगों को पृथक रखा जाए।’’ डब्ल्यूएचओ के अनुसार 118 देशों और क्षेत्रों के करीब 1,25,000 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। कोरोना वायरस के कारण 4,500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad