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सीजेआई मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक करेंगे साजिश की जांच

सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त जस्टिस एके पटनायक को उत्सव बैंस के आरोपों की जांच के लिए जांच प्रमुख...
सीजेआई  मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, रिटायर्ड जस्टिस एके पटनायक करेंगे साजिश की जांच

सुप्रीम कोर्ट ने सेवानिवृत्त जस्टिस एके पटनायक को उत्सव बैंस के आरोपों की जांच के लिए जांच प्रमुख नियुक्त किया है। वकील उत्सव बैंस ने दावा किया था कि सीजेआई रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न मामले में फंसाने की साजिश है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक और आईबी चीफ को जस्टिस एके पटनायक के साथ सहयोग करने के लिए भी कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीजेआई रंजन गोगोई पर लगाए आरोप इस जांच की परिधि से बाहर होंगे। केवल साजिश की जांच होगी। जस्टिस पटनायक सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपेंगे।

इससे पहले गुरुवार सुबह वकील उत्सव बैंस ने अतिरिक्त हलफनामा और सीलबंद सबूत अदालत के समक्ष रखे। इस दौरान उत्सव ने कहा कि वो एक और हलफनामा देकर कोर्ट को बताना चाहते हैं कि इस पूरे मामले में कोई जज या उनका रिश्तेदार असर डालने वालों में नहीं है।

इस मामले में बड़ी साजिश का इशारा करते हुए अदालत ने कहा कि अमीर और ताकतवर लोग इस साजिश के पीछे हो सकते हैं लेकिन वे जान लें कि वे आग से खेल रहे हैं।

कौन हैं एके पटनायक?

69 वर्षीय अनंग कुमार पटनायक सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं। पटनायक 2009 से लेकर 2014 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं। सीबीआई डायरेक्टर रहे आलोक वर्मा मामले में एके पटनायक को हाल ही में जांच प्रमुख नियुक्त किया गया था। पटनायक को 2012 में 2जी स्पेक्ट्रम मामले में आने वाले मामलों की सुनवाई करने के लिए बनाई गई दो जजों की बेंच में शामिल किया गया था। पटनायक उस 'इन-हाउस कमेटी' के सदस्य थे, जिसने कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सौमित्र सेन पर लगे फंड के गलत उपयोग के आरोपों की जांच की थी। इस जांच के बाद भारत में ऐसा पहली बार किसी जज के खिलाफ महाभियोग चलाया गया था।

जस्टिस एके ने कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाए थे। 2016 में उन्होंने कहा था कि कॉलेजियम सिस्टम के कारण जजों की गुणवत्ता खतरे में आ जाती है।

17 नवंबर, 2009 से 2 जून, 2014 तक सुप्रीम कोर्ट के जज बने रहने के बाद एके पटनायक के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन पद के लिए नॉमिनेट किया गया था।

बैंस को रिश्वत देने की हुई थी कोशिश

सुप्रीम कोर्ट के वकील उत्सव ने दावा किया था कि चीफ जस्टिस को बदनाम करने के लिए उनके पास भी कुछ लोग (फिक्सर) आए थे और उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की थी। फेसबुक पोस्ट में उत्सव बैंस ने दावा किया था कि मेरे पास चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न की ऐसी जबरदस्त कहानी गढ़ने का ऑफर आया था, जिससे सीजेआई को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़े।

सीजेआई पर ये हैं आरोप?

शीर्ष अदालत की पूर्व कर्मचारी ने 22 पन्नों के एक हलफनामे में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न और घटना के बाद उसके परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया है। यह महिला जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के तौर पर काम करती थी। महिला ने आरोप लगाया है कि चीफ जस्टिस ने पिछले साल अक्टूबर 10 और 11 को अपने घर के ऑफिस में 'फायदा' उठाने की कोशिश की। जबकि, जस्टिस गोगोई ने महिला द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया है।

महिला ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि उसने जस्टिस गोगोई की मांग ठुकरा दी थी और दफ्तर से बाहर आ गई थी। इसके बाद 21 अक्टूबर को उसे उसकी नौकरी से बाहर कर दिया गया।

 

 

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