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विक्रम लैंडर टूटा नहीं, संपर्क की कोशिशें जारी: इसरो

चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। इसरो के अनुसार विक्रम सुरक्षित...
विक्रम लैंडर टूटा नहीं, संपर्क की कोशिशें जारी: इसरो

चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। इसरो के अनुसार विक्रम सुरक्षित है और उसमें कोई भी टूट-फूट नहीं हुई है। इसरों ने सोमवार को बताया, 'विक्रम ने हार्ड लैंडिंग की है और ऑर्बिटर के कैमरे ने जो तस्वीर भेजी है, उससे पता चलता है कि वह निर्धारित स्थल के बिल्कुल करीब पड़ा है। विक्रम टूटा नहीं है और उसका पूरा हिस्सा सुरक्षित है।'

मिशन से जुड़े इसरो के एक अधिकारी ने दावा किया, "ऑर्बिटर के ऑन-बोर्ड कैमरे द्वारा भेजे गए चित्रों के अनुसार यह नियोजित (टच-डाउन) साइट के बहुत करीब था। लैंडर एक ही भाग के तौर पर है, कई टुकड़ों में नहीं टूटा।"

इसरो के अधिकारी ने कहा कि लैंडिंग के बाद विक्रम पलट गया है, लेकिन टूटा नहीं है। वह सिंगल पीस में है और उससे संपर्क साधने की गहन कोशिशें जारी हैं। अधिकारी ने कहा, "हम यह देखने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या लैंडर के साथ संचार फिर से स्थापित किया जा सकता है।" अधिकारी ने कहा कि हम लैंडर के साथ संचार को फिर से स्थापित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है।

कल चला था विक्रम का पता

इसरो के प्रमुख के. सिवन ने रविवार को कहा था कि चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ के चंद्रमा की सतह पर होने का पता चला है और लैंडर ने निश्चित ही ‘हार्ड लैंडिंग’ की है। इसी के साथ सिवन ने स्वीकार कर लिया कि नियोजित ‘सॉफ्ट लैंडिंग” सफल नहीं रही। सिवन ने कहा, ‘‘जी हां, हमें लैंडर ‘विक्रम’ के चंद्रमा की सतह पर होने का पता चला है। यह जरूर ही हार्ड लैंडिंग रही होगी।”

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगे कैमरों ने लैंडर विक्रम की मौजूदगी का पता लगाया और रोवर ‘प्रज्ञान’ उसके भीतर ही मौजूद है। उन्होंने कहा कि ‘विक्रम’ मॉड्यूल से संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी हैं।

मिशन तय योजना के मुताबिक नहीं हो पाया था पूरा

गौरलतब है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान शनिवार को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था और चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर उसका संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया था। चंद्रमा पर खोज के लिए देश के दूसरे मिशन का सबसे कठिन चरण माने जाने के दौरान लैंडर चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के ठीक करीब था जब इससे संपर्क टूट गया। लैंडर का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने के बाद इसरो के एक अधिकारी ने कहा था कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर पूरी तरह सुरक्षित और सही है।

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