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सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के घर पर सीबीआई का छापा

सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और उनके पति आनंद ग्रोवर के दफ्तर और घर पर सीबीआई ने गुरुवार...
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर के घर पर सीबीआई का छापा

सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और उनके पति आनंद ग्रोवर के दफ्तर और घर पर सीबीआई ने गुरुवार सुबह छापेमारी की। यह छापेमारी उनके फाउंडेशन ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ पर विदेशी फंडिंग को लेकर चल रहे मामले में हुई है। सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया था, जिसके बाद आज दिल्ली और मुंबई के उनके निवास स्थान पर ये छापेमारी की जा रही है। 

विदेशी चंदा विनियमन कानून तोड़ने का है आरोप 

लॉयर्स कलेक्टिव पर विदेशी चंदा विनियमन कानून (FCRA) को तोड़ने का आरोप है, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसी गड़बड़ी के सामने आने के बाद सीबीआई ने इस मामले में आनंद ग्रोवर और लॉयर्स कलेक्टिव पर केस दर्ज किया गया था।

अपने घर पर सीबीआई की छापेमारी को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ग्रोवर और उन्हें उन मानवाधिकार कार्यों के लिए टार्गेट किया जा रहा है जो हमने वर्षों से किए हैं।

पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद की जा रही है कार्रवाई 

इस कार्रवाई पर सीबीआई का कहना है कि दोनों लोगों (इंदिरा जयसिंह और उनके पति आनंद ग्रोवर) के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद कार्रवाई की जा रही है। इस तरह की शिकायत थी कि नियम कानून को धता बताते हुए इन लोगों ने विदेशों से चंदा हासिल किया था। इस बात की पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये लोग और किन किन देशों से चंदा हासिल किये थे। 

छापेमारी पर शुरू हुई राजनीति

इस छापेमारी पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस छापेमारी की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि कानून को अपना काम करने देना चाहिए, लेकिन जो लोग कानून को बचाने में अपना जीवन खपा रहे हैं उन्हें इस तरह परेशान नहीं करना चाहिए।

देश के वरिष्ठ वकील हैं इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर 

 

बता दें कि इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर देश के वरिष्ठ वकील हैं। वह सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत कर चुके हैं। इंदिरा जयसिंह 2009 से 2014 तक यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के पद पर तैनात थीं। इसी बीच उनपर आरोप लगा था कि पद का फायदा उठाते हुए उन्होंने कानून का उल्लंघन किया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई की कड़ी कार्रवाई

बता दें कि सीबीआई ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए देशभर में 100 जगहों पर छापेमारी की थी। सीबीआई का कहना था कि पुख्ता साक्ष्यों के मिलने के बाद कार्रवाई की गई। इसके साथ ही बुधवार को यूपी में अवैध खनन मामले में सीबीआई ने बुलंदशहर के जिलाधिकारी के साथ कई आईएएस अधिकारियों के यहां छापेमारी की थी। बुलंदशहर के डीएम के यहां से करीब 47 लाख रुपये की बरामदगी हुई जिससे गिनने के लिए मशीनों का इस्तेमाल करना पड़ा।

सीबीआई की छापेमारी के बाद यूपी सरकार हरकत में आई और तीन आईएएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यूपी सरकार का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ वो जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है और जो कोई भी शख्स इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये बात अलग है कि बुलंदशहर में डीएम पद पर तैनात रहे अभय सिंह ने कहा कि फतेहपुर में उनकी तैनाती के दौरान खनन पट्टों को नियमों के तहत आवंटित किया गया था।

 

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