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बजट पर आरएसएस के संगठन ने उठाए सवाल, मोदी सरकार के इस फैसले पर जताई चिंता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने सोमवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय...
बजट पर आरएसएस के संगठन ने उठाए सवाल, मोदी सरकार के इस फैसले पर जताई चिंता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने सोमवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट की प्रशंसा की है मगर कुछ फैसलों पर सवाल भी उठाए हैं। एसजेएम ने सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों के संबंध में सरकार के विनिवेश प्रस्तावों और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने को लेकर चिंता जताई है।

द हिन्दू के अनुसार एसजेएम के संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा कि संगठन " सरकार ने लोगों के जीवन यापन के लिए नि: शुल्क भोजन और अन्य आवश्यक कदम उठाकर और जो अपनी नौकरी या आय के नुकसान का सामना कर रहे हैं के अस्तित्व को बचाने के लिए जो कदम उठाए हैं हम  उसकी सराहना करते हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था पटरी पर है। ”  महाजन ने बुनियादी ढांचे के लिए अधिक धनराशि के आवंटन, और उद्योग को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के लिए भी सरकार की प्रशंसा की।

हालाँकि, विनिवेश प्रस्तावों और बीमा में एफडीआई सीमा बढ़ाने पर चिंता जताई है। महाजन ने कहा,  “भारत पेट्रोलियम एंड केमिकल्स लिमिटेड (बीपीसीएल), एयर इंडिया, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) के विनिवेश की घोषणा आदि चिंता का कारण है।  करदाताओं के पैसे से बनाए गए उद्यमों का रणनीतिक विनिवेश सही नहीं है।  महाजन ने कहा कि इक्विटी रूट के माध्यम से बिक्री "बेहतर और अधिक पारदर्शी विकल्प" होगी।

उन्होंने आगे कहा कि बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को मौजूदा 49% से बढ़ाकर 74% करना भी चिंताजनक है क्योंकि वित्तीय क्षेत्र में विदेशी प्रभुत्व बढ़ाना एक विवेकपूर्ण कदम नहीं है।  इससे देश के वित्तीय संसाधनों पर विदेशी प्रभुत्व बढ़ता है और देश के विकास पर असर पड़ता है।

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