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CCD के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिला, सोमवार से थे लापता

सोमवार से लापता कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार सुबह मेंगलूरू की नेत्रावती...
CCD के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव मिला, सोमवार से थे लापता

सोमवार से लापता कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के मालिक वीजी सिद्धार्थ का शव बुधवार सुबह मेंगलूरू की नेत्रावती नदी के किनारे से मिला। वे सोमवार रात से लापता थे। मेंगलूरू पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल ने बताया कि उन्हें आज सुबह ही एक शव मिला है। अभी इसकी पहचान होना बाकी है। पुलिस ने वीजी सिद्धार्थ के परिजनों को इसकी सूचना दे दी है। सिद्धार्थ की तलाश के लिए पुलिसकर्मी, तटरक्षक बल, गोताखोर और मछुआरे सहित लगभग 200 लोग लगाए गए थे।

पुलिस पूछताछ में ड्राइवर ने बताया था कि सिद्धार्थ उलाल शहर में स्थित पुल तक घूमने के लिए आए थे। वहां उन्होंने कार रुकवाई और पैदल ही निकल गए। मैं उनका इंतजार कर रहा था। 90 मिनट तक वापस नहीं आए तो पुलिस को सूचना दी।

कैफे कॉफी डे (CCD) के मालिक वीजी सिद्धार्थ के लापता होने के बाद एक चिट्ठी सामने आई, जिसमें वीजी सिद्धार्थ ने उन कारणों का उल्लेख किया, जिनकी वजह से वह पिछले कुछ दिनों से परेशान थे। सिद्धार्थ की 'कथित चिट्ठी' में इनकम टैक्स के पूर्व महानिदेशक द्वारा उत्पीड़न किए जाने का जिक्र किया गया है। उन्होंने लिखा कि आयकर के पूर्व महानिदेशक ने बहुत उत्पीड़न किया जिन्होंने हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयर जब्त कर लिए और बाद में हमारे कॉफी डे शेयर का अधिकार ले लिया जबकि हमने फिर से रिटर्न दाखिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अनुचित था और इससे हमें नकदी का गंभीर संकट झेलना पड़ा।

सिद्धार्थ पर पूरा टैक्स न चुकाने का आरोप

सिद्धार्थ की कथित चिट्ठी में ‌लिखे गए मामले पर आयकर विभाग द्वारा भी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। समाचार एजेंसी 'भाषा' ने एक अधिकारी के हवाले से जानकारी दी है ‌कि आधिकारिक सूत्र के मुताबिक वीजी सिद्धार्थ को माइंडट्री शेयर की बिक्री से 3,200 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे लेकिन कुल 300 करोड़ रुपये के टैक्स में से मात्र 46 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। आधिकारिक सूत्र के अनुसार आयकर विभाग ने सीसीडी प्रवर्तक वी जी सिद्धार्थ के मामले में कानून के तहत ही काम किया था।

2017 में पड़ा था छापा

सितंबर 2017 में सिद्धार्थ के दफ्तर पर आयकर विभाग के अधिकारियों ने छापा मारा था। सिद्धार्थ की गिनती देश के सबसे ज्यादा कॉफी बीन की सप्लाई करने वाले लोगों में की जाती है। माइंडट्री की वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल के मुताबिक उनका परिवार करीब 130 सालों से ज्यादा समय से कॉफी के बिजनेस में हैं। माइंडट्री में वह नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं।

शव मिलने के बाद CCD के शेयर धड़ाम

सिद्धार्थ की लिस्‍टेड कंपनी कॉफी डे इंटरप्राइजेज के शेयर 20 फीसदी टूट गए। इससे पहले मंगलवार को सिद्धार्थ के लापता होने की खबर सामने आई थी। इस खबर के आने के बाद बीते कारोबारी दिन भी कंपनी के शेयर में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।

1 दिन के लिए आउटलेट बंद

सिद्धार्थ के शोक में देशभर में अपने आउटलेट एक दिन के लिए बंद रखने का फैसला किया है। यह निर्णय बुधवार तड़के कर्नाटक के नेत्रावती नदी में सिद्धार्थ का शव बरामद होने के कुछ ही घंटों में बाद लिया गया। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कंपनी के एक सूत्र ने कहा, 'हमारे संस्थापक-चेयरमैन का निधन हो गया है, उनकी याद में देशभर के लगभग 240 शहरों में हमारे 1,750 रिटेल आउटलेट्स आज बंद रहेंगे।'

बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को लिखे पत्र में सिद्धार्थ ने कहा- बतौर व्यवसायी नाकाम रहा

27 जुलाई को सिद्धार्थ ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को लिखे पत्र में कहा था कि बतौर व्यवसायी नाकाम रहा। ‘कर्जदाताओं के दबाव से टूट चुका हूं’। पत्र में सिद्धार्थ ने लिखा, ‘‘बेहतर प्रयासों के बावजूद मैं मुनाफे वाला बिजनेस मॉडल तैयार करने में नाकाम रहा। मैने लंबे समय तक संघर्ष किया लेकिन अब और दबाव नहीं झेल सकता। एक प्राइवेट इक्विटी पार्टनर 6 महीने पुराने ट्रांजेक्शन से जुड़े मामले में शेयर बायबैक करने का दबाव बना रहा है। मैंने दोस्त से बड़ी रकम उधार लेकर ट्रांजेक्शन का एक हिस्सा पूरा किया था। दूसरे कर्जदाताओं द्वारा भारी दबाव की वजह से मैं टूट चुका हूं। आयकर के पूर्व डीजी ने माइंडट्री की डील रोकने के लिए दो बार हमारे शेयर अटैच किए थे। बाद में कॉफी डे के शेयर भी अटैच कर दिए थे। यह गलत था जिसकी वजह से हमारे सामने नकदी का संकट आ गया।’’

‘‘मेरी विनती है कि आप सभी मजबूती से नए मैनेजमेंट के साथ बिजनेस को आगे बढ़ाते रहें। सभी गलतियों और वित्तीय लेन-देन के लिए मैं जिम्मेदार हूं। मेरी टीम, ऑडिटर्स और सीनियर मैनेजमेंट को मेरे ट्रांजेक्शंस के बारे में जानकारी नहीं है। कानून को सिर्फ मुझे जिम्मेदार ठहराना चाहिए। मैंने परिवार या किसी अन्य को इस बारे में नहीं बताया।’’

 ‘‘मेरा इरादा किसी को गुमराह या धोखा देने का नहीं था। एक कारोबारी के तौर पर मैं विफल रहा। उम्मीद है कि एक दिन आप समझेंगे, मुझे माफ कर दीजिए। हमारी संपत्तियों और उनकी संभावित वैल्यू की लिस्ट संलग्न कर रहा हूं। हमारी संपत्तियां हमारी देनदारियों से ज्यादा हैं। इनसे सभी का बकाया चुका सकते हैं।’’

 

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