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मुख्यमंत्री पद पर घमासान के बीच राज्यपाल से अलग-अलग मिले भाजपा-शिवसेना के नेता

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से भाजपा और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद के लिए खींचतान...
मुख्यमंत्री पद पर घमासान के बीच राज्यपाल से अलग-अलग मिले भाजपा-शिवसेना के नेता

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से भाजपा और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद के लिए खींचतान तेज हो गई है। शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग से पीछे ना हटने का मन बना लिया है, लिहाजा दोनों दलों के बीच जबर्दस्त टकराव की स्थिति बनती दिख रही है। इस बीच सोमवार को दोनों पार्टियों के नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अलग-अलग मुलाकात की।

आज शिवसेना की ओर से दिवाकर राउते और भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात की। हालांकि राजभवन की ओर से पुष्टि की गई है कि यह दिवाली की वजह से महज औपचारिक भेंट है लेकिन इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

एक ओर जहां शिवसेना का 50: 50 फॉर्म्युले पर जोर है वहीं दूसरी ओर, महाराष्ट्र में भाजपा के दिवाली कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम राज्य में गठबंधन की एक स्थिर सरकार देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में हम गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे हैं। अगले 5 साल राज्य में हम बीजेपी के नेतृत्व वाली एक स्थिर सरकार देंगे।

50:50 फॉर्म्युले को लेकर लिखित आश्वासन की मांग

इससे पहले को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा से 50:50 फॉर्म्युले को लेकर लिखित आश्वासन मांगा। इस फॉर्म्युले में दोनों पार्टियों के बीच मुख्यमंत्री पद का भी ढाई-ढाई साल के लिए बंटवारा शामिल है। दरअसल चुनाव परिणामों से पहले माना जा रहा था कि भाजपा अपने दम पर ही बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटें ले आएगी और उसे शिवसेना के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। हालांकि चुनाव के बाद जो स्थिति बनी उससे अब स्पष्ट है कि भाजपा अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती और उसे शिवसेना, एनसीपी या कांग्रेस का सहारा चाहिए होगा। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला है। भाजपा के 105 और शिवसेना के 56 विधायक हैं।

शिवसेना को आदित्य ठाकरे के लिए उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार कर लेना चाहिए: अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि शिवसेना को 5 साल के लिए आदित्य ठाकरे के लिए उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार कर लेना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि भाजपा ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात पर सहमत होगी। इसलिए शिवसेना को देवेंद्र फडणवीस को ही मुख्यमंत्री बनने देना चाहिए। शिवसेना की मांग है कि पहले ढाई साल तक उनकी और अगले ढाई साल तक भाजपा का मुख्यमंत्री बने।

अठावले ने कहा, ‘‘मेरा सूत्र है कि भाजपा और शिवसेना साथ आएं, क्योंकि जनता का जनादेश उनके साथ है। निश्चित तौर पर, एनडीए को उतनी सीटें नहीं मिलीं, जितनी कि अपेक्षा की जा रही थी, मगर बहुमत है। मुख्यमंत्री पद का दावा निश्चित रूप से भाजपा का है। शिवसेना का कहना है कि उन्हें सिर्फ 124 सीटें दी गई थीं। उन्हें केंद्र में मंत्री पद भी दिया जा सकता था।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मैं दोनों पक्षों से बात करूंगा और बातचीत के द्वारा इस मुद्दे को हल करने के लिए कहूंगा। मुझे भरोसा है कि अगले चार-पांच दिनों में निर्णय हो जाएगा।’’

 

 

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