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किसान आदोलन के 4 महीने: कल भारत बंद, सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ट्रेन, बस आदि अन्य सेवाओं पर रहेगा असर

संयुक्त किसान-मजदूर मोर्चा ने केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में 26 मार्च को भारत बंद का आहवान किया है...
किसान आदोलन के 4 महीने: कल भारत बंद, सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ट्रेन, बस आदि अन्य सेवाओं पर रहेगा असर

संयुक्त किसान-मजदूर मोर्चा ने केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में 26 मार्च को भारत बंद का आहवान किया है इसे सफल बनाने के लिये किसान संगठनों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। किसान संगठनों ने इसके अलावा इस बार काली होली मनाने का भी फैसला लिया है। बता दें कि किसानों को कल दिल्ली की बॉर्डरों में प्रदर्शन करते हुए 4 महीने पूरे हो जाएंगे इसलिए कल भारत बंद का ऐलान किया गया है।

भारत बंद का कितना पड़ेगा असर

मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया गया कि कल सभी टॉल प्लाजा को पूर्ण रुप से बंद रखा जाएगा। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर किसी भी प्रकार की अन्य वस्तुओं को गांवों से शहर में नहीं भेजा जाएगा। यातायात पूर्ण रुप से बंद रहेगा। बंद सफल बनाने के लिये सभी व्यापारिक संगठनों, जन संगठनों, स्कूल संचालकों के अलावा अन्य संगठनों से अनुरोध किया गया है कि बंद को कामयाब करने में पूर्ण सहयोग करें। रिक्शा चालक संघ और ऑटो रिक्शा चालक संघ से भी बंद में अपना योगदान देने की अपील की गई है। किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि हम देश के लोगों से इस भारत बंद को सफल बनाने और उनकी 'अन्नदता' का सम्मान करने की अपील करते हैं।

किसानों द्वारा किए गए प्रयास 

मंगलवार को शहीद दिवस पर किसानों द्वारा देश भर में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। एक बयान में कहा गया कि हरियाणा के सोनीपत के भटगांव में मशाल जुलूस निकाला गया। मध्य प्रदेश के अशोकनगर में युवाओं ने अपने खून से "इंकलाब जिंदाबाद" के नारे लिखे और रक्तदान शिविर का आयोजन किया। वहीं 15 मार्च को ट्रेड यूनियनों के साथ किसानों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और रेलवे के निजीकरण का विरोध किया। 19 मार्च को किसानों ने "मंडी बचाओ-खेती बचाओ" दिवस मनाया। किसान नेताओं ने यह भी कहा कि 28 मार्च को 'होलिका दहन' के दौरान नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएंगी।

किसानों ने इससे पहले 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड का आवाह्न किया था। इस दौरान दिल्ली घुसने के साथ ही हिंसा और पुलिस के साथ भारी झड़पें हुई थी। किसानों के गुट में कुछ लोगों ने लाल किला पर चढ़कर धार्मिक झंडा फहराया था।

हजारों किसान पिछले चार महीनों से तीन कृषि कानूनों को रद्ध करने के लिए दिल्ली की सिंघू, टिकरी, गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाल कर बैठे हुए हैं। हालांकि, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि नए कानून किसानों के लिए बेहतर अवसर लाएंगे और कृषि में नई तकनीकों को पेश करेंगे।

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