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नागरिकता विधेयक: बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमीन ने रद्द किया भारत का दौरा

बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमीन छठें इंडियन ऑशियन डायलॉग में शामिल होने भारत नहीं आ रहे...
नागरिकता विधेयक: बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमीन ने रद्द किया भारत का दौरा

बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमीन छठें इंडियन ऑशियन डायलॉग में शामिल होने भारत नहीं आ रहे हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने भारत का दौरा रद्द कर दिया है। इसके पहले मोमीन ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर नाराजगी जताई थी। भारत आने से पहले उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यकों के मामले में भारत ने जो कुछ कहा है वह गलत है। अब सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि उन्होंने 12-14 दिसंबर के बीच होने वाली अपनी भारत यात्रा रद्द कर दी है।

बता दें कि विदेश मंत्री मोमेन गुरुवार को तीन दिन के दौरे पर भारत आने वाले थे। उन्हें 13 दिसंबर को दिल्ली में 6वें इंडियन ओसन डायलॉग में हिस्सा लेना था। जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अहम मुद्दों पर चर्चा की जानी थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होनी प्रस्तावित थी।

अमित शाह के इस बयान पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री जताया ऐतराज

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा था कि बांग्लादेश में हिंदू अपनी धार्मिक गतिविधियां नहीं कर पाते हैं। शाह के इस बयान पर विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मोमिन ने ऐतराज जताया था।

बहुत कम देशों में है हमारी तरह सांप्रदायिक सद्भाव- बांग्लादेश

बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉक्टर एके अब्दुल मोमिन का कहना है कि बहुत कम देशों में बांग्लादेश की तरह सांप्रदायिक सद्भाव कायम है। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत में बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को संसद के दोनों सदनों ने पास कर दिया है। इसके तहत पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिमों को अब आसानी से भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

उन्होंने कहा, 'ऐसे बहुत कम देश हैं जहां सांप्रदायिक सद्भाव बांग्लादेश की तरह अच्छे हैं। यदि वह (गृह मंत्री अमित शाह) कुछ महीने बांग्लादेश में रहेंगे तो उन्हें सांप्रदायिक सद्भाव देखने को मिलेगा।' यह जानकारी बांग्लादेशी मीडिया ने दी है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा, 'अपने देश के अंदर उनकी (भारत) बहुत सारी समस्याए हैं। उन्हें उससे खुद ही लड़ने दीजिए। यह हमें व्याकुल नहीं करता है। एक मित्र देश के रूप में, हम आशा करते हैं कि भारत कुछ ऐसा नहीं करेगा जो हमारे मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रभावित करेगा।'

दोनों सदनों में पेश किया गया नागरिकता विधेयक

नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 को संसद के दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) से मंजूरी मिल गई है। बिल सोमवार को लोकसभा से और बुधवार को राज्यसभा में पास हुआ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल को राज्यसभा में पेश किया था। अब इस बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून की शक्ल से लेगा। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है।

नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में प्रदर्शन

वहीं, विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन जारी है। असम के गुवाहाटी में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सेना की कई टुकड़ियां तैनात की गई हैं। वहीं, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक को संविधान विरोधी बताया है जबकि मुस्लिम लीग और जमीअत उलेमा-ए-हिंद ने बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने को कहा है।

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