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लापता एएन-32 का मलबा मिलने के बाद दुर्घटनास्थल तक पहुंचने के लिए IAF ने शुरू किया अभियान

भारतीय वायुसेना ने आठ दिनों तक चले तलाशी अभियान के बाद मंगलवार को एएन-32 विमान का मलबा ढूंढ लिया। ये मलबा...
लापता एएन-32 का मलबा मिलने के बाद दुर्घटनास्थल तक पहुंचने के लिए IAF ने शुरू किया अभियान

भारतीय वायुसेना ने आठ दिनों तक चले तलाशी अभियान के बाद मंगलवार को एएन-32 विमान का मलबा ढूंढ लिया। ये मलबा अरुणाचल प्रदेश के लीपो के उत्तरी क्षेत्र में मिला है। जो कि घने जंगलों वाला इलाका है। भारतीय वायुसेना, भारतीय सेना और अरुणाचल प्रदेश के नागरिक प्रशासन ने भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान के दुर्घटनास्थल तक पहुंचने के लिए बुधवार को बड़े पैमाने पर एक अभियान शुरू किया। एक रक्षा अधिकारी ने इस खबर की जानकारी दी है।

दुर्गम पहाड़ी इलाके में मिले विमान के मलबे की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें मलबा बिखरा हुआ दिख रहा है, आसपास के पेड़ जले हुए दिख रहे हैं। आशंका है कि विमान के क्रेश होने के बाद इन पेड़ों में आग लगी होगी। बताया जा रहा है कि ये जगह चीनी सीमा के बेहद नजदीक है।

'दुर्घटनास्थल पर टीमों को भेजने के साथ बचाव अभियान की शुरुआत'

डिफेंस पीआरओ विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने बताया कि हेलीकॉप्टरों द्वारा दुर्घटनास्थल पर टीमों को भेजने के साथ बचाव अभियान शुरू हो गया है। इस अभियान में सेना के एमआई-17 और एएलएच का उपयोग किया जा रहा है। दरअसल, जिस स्थान पर भारतीय वायु सेना के विमान एएन-32 का मलबा देखा गया है, वह लिपो के उत्तर में 16 किलोमीटर दूर स्थित है और शियोमी जिले के पयूम क्षेत्र के अंतर्गत गैट्टे से लगभग 12 से 15 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है।


मंगलवार को मिला एएन-32 का मलबा

भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 का मलबा मंगलवार दोपहर को देखा गया जब भारतीय वायुसेना, सेना और नागरिक प्रशासन की संयुक्त टीमों ने क्षेत्र में हवाई सर्वे किया। शियोमी जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ग्राउंड पार्टियों को दुर्घटनास्थल तक पहुंचने में कुछ समय लग सकता है, इस क्षेत्र में काफी पेड़-पौधे हैं और दुर्गम इलाके में अक्सर जमीनी खोज दल को आगे बढ़ने में मुश्किलें आती हैं’।

विमान में सवार 13 लोगों के बारे में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं

वायुसेना ने मलबे को ढूंढ़ लिया है, लेकिन विमान में सवार लोगों के बारे में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। इस विमान में कुल 13 लोग सवार थे। एएन-32 ने असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरा था और उसका गंतव्य अरुणाचल के मेनचुका था। जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद करीब 1 घंटे बाद विमान का संपर्क एटीसी से टूट गया था।

1980 में शामिल हुआ था एएन-32 विमान

सोवियत एरा का यह एयरक्राफ्ट 1980 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इसे लगातार अपडेट किया गया। हालांकि लापता प्लेन एएन-32 इन अपग्रेडेड एयरक्राफ्ट का हिस्सा नहीं है।

2016 में भी लापता हुआ था विमान

तीन साल पहले 22 जुलाई 2016 को भारतीय वायुसेना का एयरक्राफ्ट एएन-32 लापता हो गया था। इसमें 29 लोग सवार थे। एयरक्राफ्ट चेन्नई से पोर्ट-ब्लेयर की ओर जा रहा था। बंगाल की खाड़ी के बाद इसका संपर्क टूट गया।

इसलिए खास है ये विमान

रूस में निर्मित एएन-32 गर्मी और कठिन स्थितियों में अपनी बेहतरीन उड़ान भरने की क्षमता और सैन्य परिवहन के रूप में उपयोग होने वाले विमान के रूप में जाना जाता है। दो इंजन वाले इस विमान का इस्तेमाल मुख्य रूप से माल परिवहन, स्काइड्राइवर, पैराट्रुारों सहित यात्रियों को लाने ले जाने और युद्ध में भी किया जाता है।

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