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आरे कॉलोनी मामले में छात्र के पत्र को सुप्रीम कोर्ट ने माना जनहित याचिका, सोमवार को करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट मुम्बई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के मामले में सोमवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम...
आरे कॉलोनी मामले में छात्र के पत्र को सुप्रीम कोर्ट ने माना जनहित याचिका, सोमवार को करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट मुम्बई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के मामले में सोमवार को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए विशेष बेंच का गठन किया है। इस मामले में बांबे हाई कोर्ट ने कोई राहत देने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद शनिवार को आंदोलन तेज हो गया। आंदोलन कर रहे छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई से मामले की तत्काल सुनवाई करने की अपील की थी। उधर, पेड़ों की कटाई का विरोध करने पर गिरफ्तार किए गए छह महिलाओं समेत 29 लोगों को मुंबई की स्थानीय अदालत ने सशर्त जमानत दे दी है। लेकिन विरोध खत्म होता नहीं दिख रहा है। दलित नेता प्रकाश आंबेडकर ने पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वह विरोधियों का समर्थन करने के लिए आरे कॉलोनी मे जाने का प्रयास कर रहे थे। हालाकि बाद में उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया। उन्होंने महाराष्ट्र पर हमला बोला। उधर, पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे छात्रों ने देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को ज्ञापन देकर इस मामले में तुरत दखल देने की अपील की है।

सुबह दस बजे होगी सुनवाई

ग्रेटर नोएडा के लॉयड लॉ कॉलेज के के छात्र रिषभ रंजन के जस्टिस गोगोई को लिखे पत्र के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को विशेष बेंच बनाने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट ने पत्र को जनहित याचिका के तौर पर पंजीकृत करने का फैसला किया है। कोर्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार मामले की सुनवाई सोमवार को सुबह दस बजे होगी।

छात्र ने सीजेआइ से की थी अपील

ग्रेटर नोएडा के लॉयड लॉ कॉलेज के के छात्र रिषभ रंजन ने जस्टिस गोगोई को छह अक्टूबर के पत्र में कहा कि हम यह पत्र आपको लिख रहे हैं क्योंकि मुंबई के अधिकारी इस महानगर के फेफड़ों को ही मार रहे हैं। मीठी नदी के नजदीक समूचा आरे फॉरेस्ट साफ किया जा रहा है। खबरों के मुताबिक 1500 पेड़ काटे जा चुके है। शनिवार को बांबे हाई कोर्ट ने इस मामले में तत्काल सुनवाई करने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद मुंबई में आंदोलन तेज हो गया।

आंबेडकर को बाद में रिहा किया

आरे कॉलोनी में प्रवेश करते समय गिरफ्तार किए गए आंबेडकर ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार पेड़ काटने के खिलाफ उठ रही आवाजें दबाने के लिए ताकत का इस्तेमाल कर रही है। आज वंचित बहुजन अगड़ी के प्रमुख आंबेडकर गोरेगांव से आरे क्षेत्र में पहुंचे, पुलिस ने उन्हें थोड़े समय के लिए हिरासत में ले लिया। हालांकि बाद में छोड़ दिया।

मेट्रो शेड बनाने का प्रस्ताव है

मुम्बई पुलिस ने शनिवार को आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प होने के मामले में छह महिलाओं सहित 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इलाके में एक प्रस्तावित ‘मेट्रो कार शेड’ बनाने के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है। वहीं शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने पेड़ों को काटने का विरोध कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं का समर्थन किया और उन्हें हिरासत में लिए जाने अथवा उनको गिरफ्तार किए जाने का विरोध किया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इससे पहले लगभग 60 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें गिरफ्तार किए गए ये लोग भी शामिल थे। उनमें कुछ छात्र भी हैं। बंबई हाई कोर्ट ने उत्तरी मुम्बई के इस हरित क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद मुम्बई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने शुक्रवार देर रात पेड़ों की कटाई शुरू कर दी।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने 29 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें छह महिलाएं हैं। इनमें से कुछ ने आरे कॉलोनी में तैनात पुलिसकर्मियों से हाथापाई की थी और उन्हें अपनी ड्यूटी करने में अवरोध पैदा किया था।’’ पुलिस अधिकारी कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों से हाथापाई भी की है। उन्होंने बताया कि एमएमआरसीएल द्वारा पेड़ों की कटाई शुरू करते ही करीब 200 पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर उन्हें रोकने की कोशिश की।

आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ प्रदर्शन के दौरान लोगों के एक समूह ने दो पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया, जिन्हें चोटें आई हैं।’’ कथित हमले में घायल हुए 28 वर्षीय महिला पुलिस कांस्टेबल की शिकायत के आधार पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले आरे कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में शनिवार सुबह दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘ गिरफ्तार किए गए सभी प्रदर्शनकारियों को रिमांड के लिए अदालत ले जाया गया है।’’ अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को आरे, वनराई और दहिसर पुलिस थाने ले जाया गया, जहां से कुछ को रिहा कर दिया गया है।

पुलिसकर्मियों पर सख्ती बरतने का आरोप

इस बीच, हिरासत में ली गई एक महिला ने आरोप लगाया कि वह और उसके साथी शनिवार सुबह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे तब भी उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि महिला प्रदर्शनकारियों को पुरुष पुलिस अधिकारियों ने जबरन पुलिस वाहनों में डाला। हालांकि, मुम्बई पुलिस प्रवक्ता ने पुलिसकर्मियों द्वारा सख्ती बरतने के आरोपों को ‘‘गलत’’ करार दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘ स्थिति को संभालने के दौरान सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया और कानूनी रूप से वैध कदम उठाए गए।’’ आरे कॉलोनी की ओर जाने वाले सभी मार्ग पर पुलिस ने घेराबंदी कर ली है और कड़ी सुरक्षा के बीच पेड़ों की कटाई जारी है।

शिवसेना ने साधा निशाना, बताया- ‘‘शर्मनाक और घिनौना’’

इस कार्रवाई के लिए विपक्षी दलों ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन नीत राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे पेड़ों को बचाने में नाकाम रहे हैं। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी एमएमआरसीएल की कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे ‘‘शर्मनाक और घिनौना’’ करार दिया है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की आलोचना करते हुए दावा किया कि अब तक लगभग 200 पेड़ काटे जा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो निगम दस अक्टूबर से पहले काम समाप्त करना चाहता है। इसी दिन राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में मामले की सुनवाई होनी है।

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